Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सहमति से बनाया संबंध रेप के दायरे में नहीं आता, आरोपी को किया बरी (Watch Tweet)

जज सी.टी. रविकुमार और राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि सहमति से बनाया गया संबंध रेप के दायरे में नहीं आता है. महिला को संबंध बनाने से पहले उनके अंजामों के बारे में पता था.

Supreme Court | PTI

Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने आज एक ऐसे आरोपी को बरी कर दिया, जिसपर एक विवाहित महिला से शादी का वादा कर रेप का आरोप लगा था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई अहम टिप्पणी भी की. जस्टिस  सी.टी. रविकुमार और राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि सहमति से बनाया गया संबंध रेप के दायरे में नहीं आता है. महिला को संबंध बनाने से पहले उनके अंजामों के बारे में पता था.

SC ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस केस में CRPC की धारा 164 के तहत दर्ज प्राथमिकी और शिकायतकर्ता के बयान में काफी कमियां भी देखने को मिली है.

यह भी पढें: शादी नहीं निभाना, शारीरिक संबंध से इनकार करना मानसिक क्रूरता के समान: MP उच्च न्यायालय

ट्वीट देखें: 

वहीं, आरोपी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में अपनी दलील देते हुए कहा- CRPC की धारा 164 के तहत दर्ज प्राथमिकी कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है. आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच शारीरिक संबंध सहमति से बने थे. शिकायतकर्ता एक विवाहित महिला है. उसकी 15 साल की बेटी भी है और वह अपने माता-पिता के साथ रहती है. ऐसे में उससे किए गए शादी के वादे का कोई सवाल ही नहीं उठता.

Share Now

\