नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) को लेकर तहसीन पूनावाला (Tehseen Poonawalla) द्वारा की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया है. राजनीतिक कार्यकर्ता पूनावाला ने अपनी याचिका में मांग की थी कि घाटी से कर्फ्यू (Curfew) हटाया जाए और साथ ही फोन लाइन, इंटरनेट सहित सभी प्रतिबंधों को खत्म किया जाए.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा जाएगा.
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याचिका में उन्होंने ‘कर्फ्यू व प्रतिबंध’ वापस लेने के साथ ही फोन लाइन, इंटरनेट और समाचार चैनलों को बंद किये जाने जैसे कथित प्रतिगामी कदमों को हटाए जाने की मांग की है. उन्होंने हिरासत में रखे गए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे दूसरे नेताओं की रिहाई के लिये भी उच्चतम न्यायालय से निर्देश देने की मांग की है.
Supreme Court bench headed by Justice NV Ramana said the matter would be placed before Chief Justice of India for listing. https://t.co/k5ankMiAWc
— ANI (@ANI) August 8, 2019
कांग्रेस कार्यकर्ता ने राज्य की जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिये एक न्यायिक आयोग के गठन की भी मांग की है. उन्होंने दलील दी कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत दिये गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
गौरतलब है कि तहसीन पूनावाला को कांग्रेस पार्टी के बेहद नजदीक समझा जाता है. लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोका जाए क्योंकि उन पर आतंकवाद संबंधी आरोप हैं. हालांकि उनकी यह मांग पूरी नहीं हो सकी.