नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के संबंध में केंद्र सरकार को एक अहम निर्देश दिया है. कोर्ट ने केंद्र को 7 दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है, साथ ही इस दौरान वक्फ बोर्ड और परिषद में किसी भी नई नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके अलावा, वक्फ बाय यूजर में कोई भी बदलाव तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कोर्ट केंद्र का जवाब नहीं प्राप्त कर लेता.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 110 से 120 फाइलों को पढ़ना संभव नहीं है, इस लिए पांच प्रमुख बिंदुओं पर ही सुनवाई की जाएगी. इन पांच बिंदुओं पर याचिकाकर्ता को सहमति बनाने की सलाह दी गई. कोर्ट ने कहा कि इन आपत्तियों को नोडल काउंसिल के जरिए तय किया जाए. इसके साथ ही, सरकार को एक सप्ताह का समय दिया गया है ताकि वह इन मुद्दों पर जवाब दे सके.
कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के जवाब तक वक्फ संपत्ति की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा. सरकार के जवाब तक वक्फ बोर्ड और परिषद में नियुक्तियाँ भी स्थगित रहेंगी. कोर्ट ने इसे लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच – चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने वक्फ कानून के तीन प्रावधानों पर रोक लगाने के संकेत दिए थे. इनमें वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाई न करने का अंतरिम आदेश, कलेक्टर की शक्तियों को लेकर आदेश, और वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों को शामिल करने पर भी आदेश शामिल हो सकते हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस नए वक्फ कानून के खिलाफ 73 याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में इस संशोधित कानून की वैधता को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नए कानून के तहत वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन अनियमित तरीके से किया जाएगा, जो मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
कोर्ट के इस निर्णय से यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार को अपनी दलीलें पेश करने का मौका मिलेगा, लेकिन इस मामले में फिलहाल कोई भी बदलाव नहीं होगा.













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