नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को मुंबई (Mumbai) के बिल्डर प्रदीप जैन (Pradeep Jain) की 1995 में हुई हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम (Abu Salem) की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा, "यह अपील के लंबित रहने के दौरान जमानत मांगने वाले आवेदक/अपीलकर्ता की ओर से दायर एक आवेदन है. दोनों पक्षों के विद्वान वकील को सुनने और किए गए बयानों को ध्यान से पढ़ने के बाद आवेदक/अपीलकर्ता को जमानत देने के हम इच्छुक नहीं हैं, इसलिए याचिका खारिज की जाती है." Mahesh Manjrekar Receives Extortion Call: अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के नाम पर महेश मांजरेकर से की गई 35 करोड़ की मांग, मुंबई पुलिस ने एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार
25 फरवरी 2015 को एक विशेष टाडा अदालत ने अबू सलेम को बिल्डर और उसके ड्राइवर मेहदी हसन की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पुलिस ने दावा किया था कि जैन की 7 मार्च, 1995 को उनके जुहू बंगले के बाहर हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी थी, क्योंकि उन्होंने अबू सलेम को अपनी विशाल संपत्ति में से हिस्सा देने से इनकार कर दिया था.
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम रजिस्ट्री को इन अपीलों (फरवरी 2015 के फैसले के खिलाफ) को नवंबर 2021 के तीसरे सप्ताह में अंतिम निपटान के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हैं." अबू सलेम 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट का भी दोषी है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसे 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था.