सुप्रीम कोर्ट ने ICICI Bank की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर की अंतरिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई की स्थगित
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कथित वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
नई दिल्ली, 9 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कथित वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
शुरुआत में, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ को कोचर दंपति की ओर से पेश वकील ने अवगत कराया कि सीबीआई द्वारा दायर अपील निरर्थक हो गई है, क्योंकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को 2023 के अंतरिम जमानत आदेश की पुष्टि की है. कोचर के वकील ने कहा, "जिस अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, उसकी बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुष्टि कर दी है." जवाब में, केंद्रीय जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के सत्यापन के लिए एक सप्ताह की अवधि मांगी. यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल : फरार टीएमसी नेता की गिरफ्तारी को लेकर संदेशखाली में हिंसक प्रदर्शन
6 फरवरी को सुनाए गए फैसले में, बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और नितिन आर. बोरकर की खंडपीठ ने पिछले साल जनवरी में पारित अंतरिम जमानत आदेश की पुष्टि की. उच्च न्यायालय के उस अंतरिम फैसले के खिलाफ, जिसमें कोचर और उनके पति दीपक कोचर को इस आधार पर न्यायिक हिरासत से रिहा करने का निर्देश दिया गया था कि की गई गिरफ्तारी कानून के अनुरूप नहीं थी, सीबीआई ने एक विशेष अनुमति याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था
एक सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के उस आदेश के बावजूद कोचर की अंतरिम जमानत जारी रखने पर आपत्ति जताई थी, इसमें दोनों को केवल दो सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम रिहाई का निर्देश दिया गया था. इसने सीबीआई से पूछा था,“क्या अंतरिम जमानत अभी भी जारी है? आप आपत्ति क्यों नहीं कर रहे?” चंदा कोचर और उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वीडियोकॉन समूह को दिए गए ऋण के बदले रिश्वत प्राप्त की.