नई दिल्ली, 6 जनवरी: हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) नार्को आतंकी मामले में 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने दो नार्को आतंकियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. जसवंत सिंह उर्फ जस्सा और गुरसंत सिंह उर्फ गोरा, दोनों पाकिस्तान से तस्करी की गई हेरोइन के संग्रह, वितरण और बिक्री के साथ-साथ देश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्पन्न आय के संग्रह और चैनलाइजेशन में शामिल थे.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि एजेंसी ने दोनों नार्को आतंकियों के नाम आईपीसी की कई धाराओं और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक पदार्थ और गैरकानूनी गतिविधि (Illegal Activity) अधिनियम की धाराओं के तहत दिए हैं. अधिकारी ने कहा कि गुरसंत सिंह आतंकवादी गिरोह के महत्वपूर्ण सदस्यों में से एक था और मुख्य आरोपी इकबाल सिंह उर्फ शेरा का करीबी सहयोगी था और हेरोइन की सुरक्षित आपूर्ति की जिम्मेदारी संभलता था.
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अधिकारी ने कहा, "जांच में यह भी सामने आया है कि गुरसंत सिंह ने कई अचल संपत्तियों और लक्जरी कारों को छिपाने के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली और ड्रग्स और आय के परिवहन के लिए खरीदा है." पिछले साल 20 अक्टूबर को एनआईए ने मोहाली स्थित पंजाब की विशेष एनआईए अदालत में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. ये आरोपी थे- हिलाल अहमद शेरगोजरी, बिक्रम सिंह, मनिंदर सिंह, रणजीत सिंह, जसवंत सिंह, रणजीत सिंह, गगनदीप सिंह और फरार आरोपी इकबाल सिंह, जफर हुसैन भट और मारे गए एचएम आतंकी रियाज अहमद नायकू.
एनआइए अधिकारी के मुताबिक, भट इस समय पाकिस्तान में है. यह मामला शेरगोरजी की गिरफ्तारी और पंजाब पुलिस द्वारा पिछले साल 25 अप्रैल को उनसे 29 लाख रुपये की वसूली से संबंधित है. एनआईए ने पिछले साल 8 मई को मामले की जांच शुरू की थी.