छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma encounter) में शनिवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 12 जवान डीआरजी के और पांच एसटीएफ के कुल 17 जवान शहीद (17 Jawan Martyred) हो गए. मुठभेड़ के दौरान सभी जवान लापता थे और उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही थी. तलाशी के करीब 20 घंटे बाद शहीद जवानों की लाश मिली है. शनिवार को सुकमा जिले के एलमागुड़ा में नक्सली के होने की जानकारी मिलने के बाद डीआरजी, एसटीएफ और सीआपीएफ के कोबरा बटालियन के छह सौ जवानों को भेजा गया था. जिसके बाद नक्सलियों और जवानों में भयंकर मुठभेड़ शुरू हो गई. तकरीबन 250 नक्सलियों ने एम्बुश लगाकर घातक हमला किया. जिसके बाद जवानों ने भी पलटवार किया.
नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ तकरीबन 2 से 3 घंटे चली थी. इसी दरम्यान गोलीबारी होने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए थे. इसी बीच 14 जवान लापता हो गए थे. जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, शहीदों के शवों को अब निकाला जा रहा है. वहीं इस मुठभेड़ में घायल जवानों को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ के बाद से 16 हथियार भी गायब है जिसमें एके 47 और अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर जैसे हथियार शामिल हैं.
Total 17 security personnel (5 STF + 12 DRG) have lost their lives in an encounter in Sukma, yesterday. They were missing and security forces were trying to locate them after an encounter with naxals: Chhattisgarh Police pic.twitter.com/4qhUiOxs5U
— ANI (@ANI) March 22, 2020
गौरतलब हो कि नक्सली अक्सर घात लगाकर इस तरह के हमले को अंजाम देते हैं. इससे पहले साल 2010 में अब तक सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया गया था. दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला में 6 अप्रैल 2010 के हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना से राजनीति गलियारों में हड़कंप मच गई थी.