नई दिल्ली, 7 फरवरी : रेलवे (Railway) ने अपने मेन्यू कार्ड में बदलाव किया है. अब शुगर के मरीज भी अपने लिए सेहतमंद खाना ऑर्डर कर सकेंगे. व्हाट्सएप (Whatsapp) से ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने की सुविधा के बाद अब रेलवे ने अपने मेन्यू कार्ड में भी बदलाव किया है. अब सामान्य यात्रियों के साथ-साथ शुगर के मरीज भी अपने लिए सेहतमंद खाना ऑर्डर कर सकेंगे. रेलवे के इस नए मेन्यू कार्ड में अब कुल 70 आइटम हैं. खास बात यह है कि इन सबके दाम जीएसटी को मिलाकर दिया गया है, ताकि सफर के दौरान यात्री और सर्विग स्टाफ के बीच किसी प्रकार की चिकचिक न झेलनी पड़े.
रेलने अपनी सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयासरत है और ऐसे में कोच की बेहतर डिजाइन से लेकर ट्रेन की रफ्तार, प्लेटफॉर्म की सफाई तथा ट्रेन कोच की सफाई पर ध्यान दिया है. अब रेलवे ने सफर के दौरान यात्रियों के कई विकल्प खुले रखे हैं. इसी लिहाज से नाश्ता, दिन का लंच और डिनर में कई सारे विकल्प अपने मैन्यू कार्ड के जोड़े हैं. काफी समय से रेलवे अपनी पैंट्री के जरिए लोगों को खाना मुहैया करा रहा है. रेलवे ने पहले की तुलना में खाने की क्वालिटी में भी खासा सुधार किया है. इसी सिलसिले में समय के साथ साथ रेलवे ने अपना मेन्यू कार्ड भी तैयार कर लिया और अब इसे लोगों के लिए अपनी वेबसाइट पर भी डाल दिया है. पहले ऐसा नहीं होने पर लोग ठेकेदार से जांच -पड़ताल करते थे. कई यात्री पैंट्री वालों की ज्यादा पैसे वसूलने की घटना को भी भुगत चुके हैं. यह भी पढ़ें : वित्त मंत्री सीतारमण ने गहलोत के पिछले साल के बजट की पंक्तियां पढ़ने पर लोकसभा में चुटकी ली
अब यात्री ट्रेनों में 20 रुपये में दो रोटी से लेकर कचौड़ी, इडली, मेधुवढ़ा है. इतने ही रुपये में कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं. इन तमाम स्नैक्स के अलावा यात्री अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए शुगर फ्री या डायबिटीक नाश्ता या लंच भी ऑर्डर कर सकते हैं, जिसमें नाश्ते में मल्टी ग्रेन ब्रेड और ओट्स को शामिल किया गया है. इसके साथ ही खाने की थाली तक रेलवे के मेन्यू कार्ड में है. वेज के साथ साथ नॉन वेज खाने के आइटम भी इस मेन्यू कार्ड में है. यदि किसी का मीठा खाने का मन हो तो वह भी ऑर्डर किया जा सकता है. रेलवे के इस मेन्यू कार्ड में कुल 70 आइटम हैं और इन सभी के दाम इस आला कार्टा में मिल जाएंगे. खास बात यह है कि यह सभी दाम जीएसटी को मिलाकर दिया गया है, ताकि बाद यात्री से किसी अन्य तरह से पैसे वसूले न जाए.