COVID-19: ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 से जाएं सावधान, स्टडी में हुआ यह बड़ा खुलासा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी दुनियाभर में चिंता का कारण बनी हुई है. लगातार सामने आ रहे नए वेरिएंट तेजी से फैल रहे हैं. इस बीच एक नई स्टडी में सामने आया कि तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) का नया स्वरूप ऑमिक्रॉन के मूल स्वरूप से भी तेजी से फैल रहा है.स्टडी में ऑमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. डेनमार्क में हुए एक स्टडी में पता चला है कि BA.2 ओमिक्रॉन की तुलना में अधिक तेजी से फैलने वाला है. Omicron New Variant: क्या ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BA.2 भारत के लिए साबित होगा नया संकट? जानें कितना खतरनाक है यह.

सार्स-कोव-2 वायरस के ऑमिक्रॉन स्वरूप का एक उपस्वरूप इसके मूल स्वरूप (वेरिएंट) से कहीं अधिक संक्रामक है. डेनमार्क में हुए एक नए शोध में यह दावा किया गया है. स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट (एसएसआई) के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने 8541 घरों में 17945 लोगों के बीच ऑमिक्रॉन के मूल स्वरूप (बीए.1) और उपस्वरूप (बीए.2) के प्रसार का विश्लेषण किया.

उन्होंने पाया कि बीए.2 वेरिएंट 39 फीसदी की मारक क्षमता के साथ लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जबकि बीए.1 के मामले में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है. बीए.2 के कम समय में ज्यादा लोगों को संक्रमित करने की मुख्य वजह भी यही मानी जा रही है.

एसएसआई के शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि पूर्ण टीकाकरण करा चुके या बूस्टर खुराक हासिल कर चुके लोगों के मुकाबले वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के बीए.1 और बीए.2 से संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक रहती है.

हालांकि, अध्ययन की समीक्षा की जानी अभी बाकी है. इससे पता चला है कि बीए.2 से संक्रमित उन मरीजों के अन्य लोगों में वारयस का वाहक बनने का खतरा ज्यादा है, जिन्हें कोविड रोधी टीके की एक भी खुराक हासिल नहीं हुई है.

शोध दल में यूनिवर्सिटी ऑफ कोपनहेगन, स्टैटिस्टिक्स डेनमार्क और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के शोधकर्ता भी शामिल थे.

(इनपुट भाषा)