चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) और वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria ) ने आज सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन को आधिकारिक तौर पर वायु सेना में शामिल किया. इसे तंजावुर एयरबेस में तैनात किया गया है. यह दक्षिण भारत में पहला एसयू -30 एमकेआई लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन है जो समुद्र में भी अहम भूमिका निभाएगा. भारत के पास अब हिंद महासागर क्षेत्र (IOR), विशेष रूप से बंगाल की खाड़ी से दुश्मनों के विमान और उनकी हरकतों पर निगरानी रखने के लिए बहुत ही खतरनाक हथियार है. यह सभी मौसम में दिन रात अपना लक्ष्य बनाए रखेगा.
ब्रह्मोस मिसाइल के साथ, इसकी रेंज लगभग 300 किलोमीटर है, सुखोई -30 एमकेआई स्क्वाड्रन IOR में दूर के लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम होगा. ब्रह्मोस के महानिदेशक सुधीर मिश्रा (Sudhir Mishra ) ने मीडिया को बताया कि, "इससे भारतीय वायुसेना को समुद्र में टारगेट को सटीकता के साथ किसी भी लक्ष्य पर लंबी गतिरोध दूरियों से प्रहार करने की शानदार क्षमता मिलेगी, यह हमारे सपने को साकार करेगा.
नए सुखोई स्क्वाड्रन का नाम 'टाइगर शार्क ’ (Tiger Sharks) रखा गया है और इसे चार से छह फाइटर्स के साथ लगाया जाएगा और वर्ष के अंत तक अपने 18 लड़ाकू विमानों के पूर्ण पूरक को शामिल करेगा. मध्य हवा में ईंधन रिफ्युलिंग के बिना 1,500 किमी रेडियस के साथ, सुखोई 290 किलोमीटर की दूरी वाली ब्रह्मोस मिसाइल के साथ मिलकर एक ऐसा हथियार बनेगा जिस पर विजय पाना मुश्किल है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्विटर पर सुखोई -30 एमकेआई जेट को वाटर कैनन सैल्यूट देता हुआ एक वीडियो शेयर किया है.
देखें वीडियो:
IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria: The decision to deploy the Su-30 MKI at Thanjavur was taken due to its strategic location. The SU-30 MKI inducted here is equipped with special weapon (BrahMos supersonic cruise missile) https://t.co/nbzJTzffsM
— ANI (@ANI) January 20, 2020
आज तंजावुर एयरबेस पर सुखोई को वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया. किसी भी मिलिट्री एयरक्राफ्ट और एयरलाइन्स सर्विसेस के जमीन पर लैंड करने पर उस पर पानी की बौछार की जाती ही, वॉटर कैनन सैल्यूट किसी भी नए एयरक्राफ्ट की लैंडिंग और टेक ऑफ के वक्त दिया जाता है. ऐसा एयरक्राफ्ट को सम्मान देने के लिए किया जाता है.