नई दिल्ली, 11 अप्रैल: केंद्र ने राज्य सरकारों से पूर्व सैनिकों के साथ-साथ सेवारत सैन्यकर्मियों के भूमि विवादों को सुलझाने में उच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया है.इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अनेक राज्यों में पूर्व सैनिकों के लिए नौकरियों में आरक्षण है, जिसका पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए और निगरानी की जानी चाहिए. यह भी पढ़ें: Assam: अगले साल आम चुनावों में भाजपा 300 से अधिक लोकसभा सीट जीत सत्ता बरकरार रखेगी- अमित शाह
दरअसल भारतीय सशस्त्र बलों को युवा रखने के लिए बड़ी संख्या में सैनिक 35-40 वर्ष की आयु में सम्मानपूर्वक सेवा मुक्त हो जाते हैं. परिणाम स्वरूप वर्तमान 34 लाख पूर्व सैनिकों की संख्या में प्रति वर्ष लगभग 60,000 सैनिक जुड़ जाते हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में केंद्रीय सैनिक बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लगभग 3.16 लाख लाभार्थियों को लगभग 800 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है. पिछले वित्त वर्ष में एक लाख लाभार्थियों को लगभग 240 करोड़ रुपए दिए गए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि राज्यों और राजनीतिक दलों के बीच अनेक विषयों पर मतभेद हैं. यह सब लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जब बात सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण की आती है तो सभी एक साथ आ जाते हैं. हमारे सैनिकों को लेकर हमेशा सामाजिक और राजनीतिक सहमति रही है. सशस्त्र बल समान रूप से पूरे देश की रक्षा करते हैं. यह हमारी राष्ट्रीय और सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि सेवानिवृत्ति के बाद समाज में वापस जाने वाले हमारे सैनिक सम्मानित जीवन जीएं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 अप्रैल को नई दिल्ली में केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की. केएसबी केंद्र सरकार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की शीर्ष संस्था है. इसे पूर्व सैनिकों (ईएसएम) के कल्याण और पुनर्वास का उत्तरदायित्व सौंपा गया है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि पैराप्लैजिक पुनर्वास केंद्र, किर्की, चेशर होम, मोहाली तथा देहरादून, लखनऊ और दिल्ली सहित देश के 36 युद्ध स्मारक अस्पतालों को संस्थागत अनुदान दिए गए हैं. उन्होंने दोहराया कि पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) सुविधाओं की नियमित आधार पर समीक्षा की जा रही है.
वर्तमान में 30 क्षेत्रीय केंद्र तथा 427 पोलीक्लीनिक कार्यरत हैं. 75 टाइप-सी और डी पोलीक्लीनिकों की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है और पहुंच बढ़ाने के लिए वीडियो प्लेटफॉर्म, सेहत ओपीडी लॉन्च किया गया. विभिन्न स्थानों पर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जैसे नए गुणवत्ता संपन्न अस्पतालों को पैनल में शामिल किया जा रहा है. लाभार्थियों को दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दवा खरीदने की प्रक्रिया आसान बनाई जा रही है.
रक्षा मंत्री ने सीमा की सुरक्षा और समय पर, विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, कार्य करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की. उन्होंने औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त होने के बाद मातृभूमि की सेवा करने का भाव बनाए रखने के लिए पूर्व सैनिकों की सराहना की. उन्होंने अनेक अवसरों, विशेषकर कोविड-19 महामारी के विरुद्ध देश की लड़ाई के दौरान, पूर्व सैनिकों द्वारा किए गए मूल्यवान योगदान को रेखांकित किया.