कोरोना से राहत के बीच GDP को लेकर आई गुड न्यूज, नौकरीपेशा से लेकर बिजनेसमैन तक सभी के लिए जानना जरुरी

देशभर में कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है. जिसके मद्देनजर हालात अब सामान्य हो रहे है. उद्योग-धंधों में कोरोना से पूर्व की स्थिती लौट रही है. जिसका सकारात्मक असर अर्थव्यवस्था पर भी दिख रहा है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अनुसंधान में वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया गया है.

रुपया (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है. जिसके मद्देनजर हालात अब सामान्य हो रहे है. उद्योग-धंधों में कोरोना से पूर्व की स्थिती लौट रही है. जिसका सकारात्मक असर अर्थव्यवस्था (Economy) पर भी दिख रहा है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अनुसंधान में वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया गया है. पहले के अनुमान में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर साढ़े आठ से नौ प्रतिशत बताई गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर नौ दशमलव तीन से नौ दशमलव छह के बीच बताया गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था टिकाऊ सुधार की राह परः आरबीआई बुलेटिन

सकल घरेलू उत्पाद का संशोधित अनुमान भारतीय स्टेट बैंक के मौजूदा वित्त वर्ष की साढ़े नौ प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान के अनुरूप है. इन संशोधित अनुमानों का प्रमुख कारण यह बताया गया है कि भारत में अर्थव्यवस्था पर कोविड से प्रभाव नहीं पड़ा. 2021 की जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान देश में कोविड के मामलों में केवल 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई जोकि दुनिया में कोविड से सर्वाधिक प्रभावित 15 देशों में दूसरे नंबर पर सबसे कम थी.

अनुमानों में संशोधन का कारण बताते हुए भारतीय स्टेट बैंक के अनुसंधान में बताया गया है कि तीसरी चौथाई में भारत वैश्विक परिस्थितियों से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुआ जबकि दुनियाभर में आपूर्ति बाधित हो रही थी, मंहगाई बढ़ रही थी और कोविड संक्रमण में बढ़ोत्‍तरी थी.

उल्लेखनीय है कि बीते 24 घंटे के दौरान देशभर में कोरोना के 7,579 नए मामले सामने आए, जो कि 543 दिनों में सबसे कम मामले है. वहीं, इस अवधि में 12,202 रोगी स्वस्थ हुए. देशभर में कोरोना से स्वस्थ होने की दर वर्तमान में 98.32 प्रतिशत हो गई है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है.

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