छत्तीसगढ़: यह दिव्यांग लोगों के लिए है प्रेरणा, हाथ और पैर न होने के बाद भी चलाता है स्कूटर और कम्प्यूटर

सच ही है इंसान की जब इच्छा शक्ति मजबूत होती है तो वो कुछ भी कर सकता है. बलरामपुर के आशीष ने लोगों को अपनी इच्छा शक्ति से इंस्पायर किया है. आशीष दिव्यांग हैं उसके बाद भी स्कूटर और कम्यूटर चलाते है. अपने घर की जीविका चलाने वाले आशीष एक मात्र व्यक्ति हैं.

कलेक्टर संजीव कुमार झाऔर आशीष, (फोटो क्रेडिट्स: ANI)

छत्तीसगढ़: सच ही है इंसान की जब इच्छा शक्ति मजबूत होती है तो वो कुछ भी कर सकता है. बलरामपुर के आशीष ने लोगों को अपनी इच्छा शक्ति से इंस्पायर किया है. आशीष दिव्यांग हैं उसके बाद भी स्कूटर और कम्यूटर चलाते है. अपने घर की आजीविका चलाने वाले आशीष एक मात्र व्यक्ति हैं. वह छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में शंकरगढ़ पंचायत कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करते हैं. आशीष ने अभी 10 वीं पास किया और अब वो बारहवीं में हैं. एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा, "मेरे पास जन्म से ही हाथ और पैर नहीं है, लेकिन मैं अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ नौकरी भी करता हूं.

आशीष ग्रामपंचायत ऑफिस में काम कर हर महीने 10 हजार रुपये कमाते हैं, दिव्यांग होने के बाद भी ऐसा कोई काम नहीं है जो आशीष नहीं कर सकते हैं. वो मोबाइल, स्कूटर, लैपटॉप आदि बड़ी ही अच्छी तरह से चला लेते हैं. उनके घर से 15 किलोमीटर की दूरी पर उनका ऑफिस है, इसलिए उन्हें रोजाना स्कूटर चलाकर काम पर आना पड़ता है. इसलिए उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा स्कूटर के पेट्रोल में चला जाता है.

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बलरामपुर के कलेक्टर संजीव कुमार झा का आशीष के बारे में कहना है कि, “आशीष को देखकर लोग प्रेरित होते हैं. वह अपना सारा काम खुद करता है. वह अपनी आजीविका के लिए किसी पर निर्भर नहीं है. मैंने सर्कल ऑफिसर से उसके पिता को भी काम पर रखने को कहा है जो आशीष की उनके काम में सहायता करते हैं.

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