लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'मुस्लिम विरोधी' करार दिया. सरकार पर भव्य राम मंदिर निर्माण को तत्काल मंजूरी देने का दबाव बनाने के लिए बुलाई गई 'धर्मसभा' के लिए अयोध्या में हजारों की तादाद में हिंदू कार्यकर्ता और रामलला के अनुयायी जुटे हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री ने बुलंदशहर जिले में कहा कि अगर मोदी चाहते हैं कि मुस्लिम भारत से चले जाएं तो उन्हें मुस्लिम समुदाय को ऐसा करने का तरीका बता देना चाहिए, वे चले जाएंगे, लेकिन यह भी नहीं करना है, 'सबका साथ, सबका विकास' की रट लगानी है और मॉबलिंचिंग कराकर बेकसूर इंसानों की जान लेना, यही इनकी फितरत है.
उन्होंने अयोध्या में दिसंबर, 1992 में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने से पहले बनाए गए हालात की याद दिलाते हुए कहा कि सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी राज्य और देश में भय का मौहाल बना रही है. रविवार को आयोजित 'धर्मसभा' से पहले अयोध्या को किले में तब्दील कर दिया गया. विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित सभा में हिंदू संत भव्य राम मंदिर के निर्माण पर अपना रुख और रणनीति तय करने के लिए जुटे हैं.वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और छह महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है, इसीलिए यह सब किया-कराया जा रहा है, क्योंकि जनता सरकार के काम से खुश नहीं है, यह पता चल गया है. ऐसे में 'राम' नाम का ही सहारा है. यह भी पढ़े: सपा नेता आजम खान का विवादित बयान, कहा मैं BJP की राजनीतिक ‘आइटम गर्ल’ हूं
विपक्ष का यह भी कहना है कि धर्मनिरपेक्ष देश की सरकार का काम मंदिर, मठ, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च बनवाना नहीं है, लेकिन चूंकि हर चुनाव में मंदिर का वादा करने का फायदा मिलता रहा है, इसलिए भाजपा फायदे की लहलहाती फसल काटना चाहती है.