Solar Eclipse 2020: कोरोना संकट के चलते ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर में भक्त नहीं लगा पाएंगे आस्था की डुबकी, कुरुक्षेत्र प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध
कोरोना संकट के चलते इस बार 21 जून को पड़ रहे सूर्य ग्रहण के दिन कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर और सन्नहित सरोवर में भक्त पवित्र डुबकी नहीं लगा पाएंगे. कुरुक्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट धीरेंद्र खडगटा इस पर प्रतिबंध लगा दिया है.
कुरुक्षेत्र: कोरोना संकट (COVID-19 Pandemic) के चलते इस बार 21 जून को पड़ रहे सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के दिन कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) और सन्नहित सरोवर (Sannehit Sarovar) में भक्त पवित्र डुबकी नहीं लगा पाएंगे. कुरुक्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट धीरेंद्र खडगटा (DM Dhirendra Khadgata) ने गुरुवार को सूर्य ग्रहण के दौरान ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर में डुबकी लगाने के लिए लोगों को प्रतिबंधित कर दिया. इसके अलावा, जिला प्रशासन ने शहर में कुंडलाकार सूर्य ग्रहण पर लगने वाले सूर्य ग्रहण मेले के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
कोरोना संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. हालांकि गृह मंत्री अनिल विज ने पत्र लिखकर इस दिन कर्फ्यू लगाए जाने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने इस दिन धारा 144 लागू करने का फैसला किया है. गृह सचिव ने इस संदर्भ में स्थानीय प्रशासन से भी बात कर ली है. यह भी पढ़ें- Surya Grahan 2020 Sutak Time: कब लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक, जानें इस अवधि के दौरान बरतनी चाहिए कौन सी सावधानियां.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुरुक्षेत्र जिला प्रशासन ने COVID-19 महामारी के बीच चार से अधिक व्यक्तियों की सभा को प्रतिबंधित कर दिया था. इसके अलावा, किसी को भी कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर और संन्यास सरोवर में सूर्य ग्रहण के दौरान डुबकी लगाने की अनुमति नहीं दी गई है.
डीएम धीरेंद्र खडगटा ने कहा कि उल्लंघन करने वालों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने के लिए अवज्ञा) इसके अलावा, जिला पुलिस ने 19 जून की रात से कुरुक्षेत्र की ओर आने वाले रास्तों पर चेक पॉइंट्सबढ़ा दिए हैं.
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार पूर्ण सूर्यग्रहण रविवार को सुबह 10.12 बजे शुरू होगा और सुबह 11.50 बजे समाप्त होगा. यह खगोलीय घटना राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में दिखाई देगी. जिन प्रमुख स्थानों पर 'रिंग ऑफ फायर' देखी जा सकती है उनमें देहरादून, कुरुक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा और सूरतगढ़ शामिल हैं.