
नई दिल्ली: 13 मई 2025 को प्रकाशित 'द हिंदू' अखबार के एक संस्करण में भारत का एक नक्शा छपा, जिसमें सिक्किम को दिखाया ही नहीं गया. यह चूक तब सामने आई जब सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने खुद इस बात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर उजागर किया. उन्होंने दो नक्शों की तस्वीरें साझा कीं एक सही नक्शा जिसमें सिक्किम शामिल था, और दूसरा 'द हिंदू' द्वारा प्रकाशित गलत नक्शा. मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने इस गलती को "सिर्फ एक चूक नहीं, बल्कि एक गंभीर और अस्वीकार्य भूल" बताया.
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा, "यह गलती देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर चोट है. सिक्किम भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसकी पहचान संविधान के अनुच्छेद 371F के तहत सुरक्षित है." मुख्यमंत्री ने इस पूरे प्रकरण को "गंभीर चूक" करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की.
सिक्किम के सीएम ने कहा, मैं इस गंभीर चूक की कड़ी निंदा करता हूं
It has come to my attention that The Hindu, in its edition dated 13th May 2025, published a map of India omitting the state of Sikkim. This is not a mere oversight, it is a serious and unacceptable error that undermines the sovereignty and territorial integrity of our nation.
At… pic.twitter.com/1OB5Ccwiuv
— Prem Singh Tamang (Golay) (@PSTamangGolay) May 14, 2025
प्रेम सिंह तमांग के बयान के बाद The Hindu ने स्पष्टीकरण जारी किया
Due to a data input error, the India map in the article, “With a new Pope, an understanding of Catholicism in India”, which appeared in the Data Point section on May 13, 2025, was incorrectly presented with the contours of Sikkim State being shaded out. We apologise for the…
— The Hindu (@the_hindu) May 14, 2025
'द हिंदू' की सफाई और माफी
मुख्यमंत्री की तीखी प्रतिक्रिया के बाद, 'द हिंदू' अखबार ने तत्काल माफी मांगी और एक बयान जारी कर कहा, "हम इस त्रुटि के लिए माफी मांगते हैं. यह नक्शा ऑनलाइन और ई-पेपर संस्करणों में पहले ही ठीक कर दिया गया है."
सिक्किम की ऐतिहासिक और संवैधानिक स्थिति
सिक्किम, जो 1975 में एक संप्रभु रियासत से भारत में मिला, भारत का 22वां राज्य बना. इसकी संवैधानिक स्थिति को अनुच्छेद 371F के तहत विशेष सुरक्षा दी गई है. इस राज्य की ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान भारत के ढांचे में बेहद अहम मानी जाती है.