शिवसेना नेता संजय राउत ने बशीर बद्र की शायरी के जरिए BJP पर कसा तंज, कहा- यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है, याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते

महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी- कांग्रेस के बीचकॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत चर्चा होने के बाद राज्य में लगभग सरकार बनती हुई दिख रखी है. इस बीच संजय राउत ने बीजेपी पर बशीर बद्र की शायरी के जरिये तंज कसा है. उन्होंने लिखा है कि यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है, याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते

शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो )

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (Common Minimum Programme) के तहत चर्चा होने के  बाद राज्य में लगभग सरकार बनती हुई दिख रखी है. वहीं भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच गठबंधन में आये दरार के बाद दोनों पार्टी के नेताओं के बीच तंज कसने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी के नेता जहां शिवसेना को चिड़ाते हुए उनका कहना है कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी की ही सरकार बनेगी. वहीं शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने ट्वीट कर बीजेपी पर तंज कसा है. उन्होंने शायर बशीर बद्र की शायरी का के जरिये लिखा है कि यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है, याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते.

बता दें महाराष्ट्र में सरकार बनाने कि लेकर शिवसेना, एनसीपी- कांग्रेस के नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हुई. जिस बैठक में कामन मिनिमम प्रोग्राम के तहत बात होने के बाद तीनों पार्टियों की तरफ से रजामंदी बनने के बाद महाराष्ट्र में जल्द ही सरकार का गठन हो सकता है. इसके लिए एनसीपी नेता शरद पवार रविवार को दिल्ली में कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले भी है. इस बीच संजय राउत का बीजेपी को लेकर शायरी के जरिये जो तंज कसा गया है वह इस बात का एहसास दिलाता है कि शिवसेना भले ही बीजेपी के साथ थे. लेकिन गठबंधन में दरार पड़ने के बाद उसे पुराने साथी का याद नहीं आते हैं. यह भी पढ़े: शिवसेना-NCP-कांग्रेस के बीच हुए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिया बयान, कहा- पार्टी 25 सालों तक करेगी राज

गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में बीजेपी- शिवसेना एक साथ चुनाव लड़ी थी. लेकिन चुनाव बाद दोनों पार्टी के बीच सीएम पद को लेकर मचे विवाद के बाद दोनों के गठबंधन के बीच दरार आ गया. शिवसेना चाहती थी कि बीजेपी उसे 50- 50 फार्मूले के तहत सरकार में सीएम पद को लेकर ढाई- ढाई साल के लिए हिस्सेदारी दे लेकिन बीजेपी उसे कुछ अहम मंत्रालय और उप मुख्यमंत्री पद देकर राजी करना चाहती थी जो उसे मंजूर नहीं था. जिसेक बाद बीजेपी के साथ ही शिवसेना जब राज्य में सरकार बनाने में नाकामयाब हो गई थी राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया.

 

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