नई दिल्ली, 21 अप्रैल : अगले हफ्ते बाजार का रुझान कमाई के मौसम और वैश्विक संकेतों से तय होगा. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिका से जीडीपी, पीएमआई डेटा और बेरोजगारी दावों के आंकड़े ये जानकारी देंगे कि फेड की नीति क्या रहेगी. इसके आलावा, भारतीय पीएमआई डेटा और चौथी तिमाही के कंपनियों के नतीजे आने वाले हफ्ते में बाजार के रुझान को आकार दे सकते हैं.
पिछले सप्ताह के अंत में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच लार्ज कैप में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला था और भारतीय बाजारों में सुधार हुआ. उन्होंने कहा, हालांकि, घरेलू बाजार पूरे सप्ताह हुई गिरावट की भरपाई नहीं कर पाया. यह भी पढ़ें : भारत बदल रहा है और तेजी से आगे बढ़ रहा है! CJI चंद्रचूड़ ने नए आपराधिक कानूनों की तारीफ की
वैश्विक स्तर पर नज़र रखने की जरूरत है क्योंकि मध्य पूर्व में स्थिति नाजुक बनी हुई है. इसके अलावा, अपेक्षा से अधिक मुद्रास्फीति, मजबूत खुदरा बिक्री और तेल की ऊंची कीमतों के कारण अमेरिकी दर में कटौती लंबी खींचती जा रही है. यह डॉलर सूचकांक, अमेरिकी बांड यील्ड और सोने की कीमत में उल्लेखनीय उछाल से साफ पता चलता है. नायर ने कहा कि बैंकिंग और आईटी जैसे क्षेत्रों में मुनाफावसूली देखी गई.
नायर ने कहा कि मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में भी गिरावट आई है, जिससे वैल्यूएशन को लेकर जो चिंताएं थीं, वो उजागर हुई हैं. चौथी तिमाही की कमाई की उम्मीदों में कमी और कमजोर आईटी नतीजे बाजार को कमजोर कर सकता है. एफआईआई जोखिम लेने से बच रहे हैं, यह प्रवृत्ति पिछले सप्ताह से देखी जा रही है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि वैश्विक संकेतों के साथ-साथ कमाई के मौसम पर भी निवेशकों का फोकस रहेगा. इसके अलावा, निवेशक अमेरिका और भारत के विनिर्माण और सर्विसेज पीएमआई डेटा, यूएस की पहली तिमाही की जीडीपी संख्या और जापान के पालिसी स्टेटमेंट पर भी नज़र रखेंगे.