Self Scan App: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लॉन्च किया CamScanner का विकल्प 'सेल्फ स्कैन' ऐप, कहा- यह देशभक्ति को दर्शाता है

यह ऐप पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्यूमेंटस की स्कैनिंग के लिए बनाया है. इस ऐप को पेश करते हुए ममता ने कहा कि यह देशभक्ति को दर्शाता है. 'Self Scan' नाम के इस ऐप को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने बनाया है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Photo Credit: PTI)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को दस्तावेजों को स्कैन करने के लिए एक ऐप लॉन्च किया. यह ऐप पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्यूमेंटस की स्कैनिंग के लिए बनाया है. इस ऐप को पेश करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह देशभक्ति को दर्शाता है. 'सेल्फ स्कैन' (Self Scan) नाम के इस ऐप को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने बनाया है. ममता बनर्जी ने कहा कि यह देशभक्ति की पहचान है.

ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं हमेशा अपने देश में बना ऐप इस्तेमाल करना चाहूंगी. जो आज पश्चिम बंगाल सोचता है वह कल दुनिया सोचती है.' केंद्र सरकार की ओर से 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिन बाद ही पश्चिम बंगाल सरकार ने 'सेल्फ स्कैन' ऐप को लॉन्च किया है. यह भी पढ़ें: सीएम ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर हमला, कहा- पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी दर देश की तुलना में बेहद कम. 

ऐप को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह ऐप स्टोर पर उपलब्ध कराया जाएगा. यह ऐप पूरी तरह से मुफ्त और सुरक्षित होगा. उन्होंने कहा,' Self Scan पूरी तरह से सुरक्षित ऐप है. इसके सर्वर में कोई भी डेटा सेव नहीं होगा. इस ऐप में डॉक्यूमेंटस को स्कैन करने के अलावा एडिट करने का भी फीचर दिया गया है.

सेल्फ स्कैन वेबसाइट बताती है कि डेटा डिवाइस पर रहता है और इसे किसी भी सर्वर पर स्टोर नहीं किया जाता है. यह उपयोगकर्ता के किसी भी व्यक्तिगत डेटा को कैप्चर नहीं करता है, और न ही कुकीज या बैकग्राउंड डेटा स्टोर करता है. इसके अलावा, एप्लिकेशन सर्वर पर भेजे बिना डॉक्यूमेंटस को उपयोगकर्ता के डिवाइस के अंदर स्कैन करने का दावा करता है. साथ ही, डॉक्यूमेंटस को स्कैन करने के लिए या ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (OCR) के लिए भी इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता नहीं है.

ओसीआर सपोर्ट फिलहाल अंग्रेजी भाषा के लिए है. डेवलपर्स इसे बंगाली, हिंदी और अन्य भाषाओं को लाने पर काम कर रहे हैं. बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद के बाद घरेलू सुरक्षा वाले ऐप्स की मांग बढ़ रही है.

भारत सरकार द्वारा डेटा सुरक्षा मुद्दों के कारण 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है. भारत ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, शेयरइट और वीचैट सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि ये ऐप्स देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा थे.

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