Self-Reliant India Employment Scheme: सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मार्च 2022 तक बढ़ाया , 21 लाख लोग हुए लाभान्वित
पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits-Facebook)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को आर्थिक राहत पैकेज का एलान किया. इससे कोरोना की मार से बेहाल अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. उन्होंने कहा कि कुल 8 उपायों का एलान किया जा रहा है. इसमें से 4 उपाय बिल्कुल नए हैं. इसमें हेल्थ से जुड़ा एक नया राहत पैकेज भी शामिल है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण घोषणा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को अगले साल मार्च तक बढ़ाने की रही.

क्या है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना

आत्मानिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत पिछले साल कोविड रिकवरी चरण के दौरान औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए रोजगार के अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की गई थी. यह योजना उस वक्त 2020-2023 की अवधि के लिए चालू की गई थी. इस योजना के तहत अभी तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. सरकार का लक्ष्य लाभार्थियों की संख्या 50 लाख तक पहुंचाना है.

क्या है इस योजना का लक्ष्य

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत नई नियुक्तियां करने वाले एंप्लॉयर्स (Employers) को सब्सिडी दी जा रही है. सब्सिडी इंप्लॉइज और एंप्लॉयर्स द्वारा दो साल के लिए किए गए रिटायरमेंट फंड कॉन्ट्रीब्यूशन यानी PF को कवर करने के लिए है. PF में इंप्लॉइज द्वारा किए जाने वाले 12 फीसदी योगदान और एंप्लॉयर द्वारा किए जाने वाले 12 फीसदी योगदान यानी कुल 24 फीसदी योगदान के बराबर सब्सिडी सरकार की ओर से दो साल के लिए एंप्लॉयर्स को दी जा रही है.

इस योजना के तहत सरकार 1,000 लोगों तक को नए रोजगार देने वाली कंपनियों को शामिल करती है. इसमें निर्धारित अवधि के दौरान नौकरी शुरू करने वाले इंप्लॉई तथा एंप्लॉयर, दोनों की ओर से पीएफ अंशदान का भुगतान सरकार करती है. वहीं 1,000 से अधिक लोगों को नए रोजगार देने वाली कंपनियों को प्रत्येक कर्मचारी के 12 फीसदी अंशदान का दो साल तक भुगतान सरकार कर रही है. यह भी पढ़ें : UP Assembly Election 2022: यूपी में योगी का किला भेदने के लिए प्रियंका गांधी को करना होगा इन 3 चुनातियों का सामना, जानें राह में कौन-कौन से रोड़े

किसको मिलेगा लाभ

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत उन कर्मचारियों को कवर किया जाएगा, जिन्होंने 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच नौकरी ज्वॉइन की है. इस योजना के तहत Employee Provident Fund Organisation में रजिस्टर्ड संस्थान में नियुक्त होने वाला हर वह नया कर्मचारी कवर होगा, जिसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है.

इसके अलावा 15,000 रुपये या उससे कम मासिक वेतन वाला ऐसा कोई कर्मचारी जो एक अक्टूबर 2020 से पहले ईपीएफओ से संबद्ध संस्थान में नौकरी नहीं कर रहा है, उसके पास यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) या ईपीएफ सदस्यता खाता नहीं है, वो भी इस योजना का फायदा ले सकता है. वहीं ईपीएफओ से जुड़ा कोई व्यक्ति जिसके पास यूएएन खाता है और 15,000 रुपये मासिक से कम वेतन पाता है, लेकिन एक मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच कोविड-19 महामारी के दौर में नौकरी चली गई और उसके बाद ईपीएफओ से जुड़े किसी संस्थान में नौकरी नहीं की हो, वह भी योजना का फायदा ले सकता है.

इन्हें भी मिलेगा लाभ

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत EPFO में रजिस्टर ऐसा हर एंप्लॉयर, जो नए इंप्लॉइज को नियुक्त कर रहा हो, सब्सिडी का पात्र है. इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नए कर्मचारियों को भर्ती करना होगा, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई नियुक्ति करनी होंगी.

अन्य घोषणाएं भी की गईं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 3 बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक राहत पैकेज का एलान किया. इस दौरान उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे. सरकार ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का फंड क्रेडिट गारंटी योजना के लिए आवंटित किया है. कोविड से प्रभावित क्षेत्रों को इससे मदद मिलेगी. 8 महानगरों को छोड़कर दूसरे शहरों में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके तहत सरकार कम ब्याज दर पर लोन देगी. स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपये का अधिकतम लोन होगा. इस लोन पर सरकार की गारंटी भी होगी.