धारा 144 और कर्फ्यू के बीच में क्या है अंतर? यहां दूर करें अपना कन्फ्यूजन
नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच एहतियाती तौर पर देश के कई हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है. धारा 144 के तहत चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने या जुलूस निकालने पर रोक है. आइए जानते हैं धारा 144 और कर्फ्यू के बीच में क्या है अंतर होता है.
नागरिकता संशोधन कानून 2019 (Citizenship Amendment Act 2019) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच एहतियाती तौर पर देश के कई हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 (Section 144 of CrPC) लागू कर दी गई है. दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गुरुवार को राजव्यापी विरोध प्रदर्शन है. इसी के मद्देनजर गुरुवार को पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू रहेगी. वहीं, कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में धारा 144 गुरुवार सुबह 6 बजे से शुरू होकर 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक तीन दिनों तक लागू रहेगी. धारा 144 के तहत चार या इससे अधिक संख्या में लोग एक जगह इकट्ठे नहीं हो सकेंगे.
उधर, राष्ट्रीय राजधानी के सीलमपुर (Seelampur) में कई घंटे हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उत्तर-पूर्वी जिले में बुधवार को धारा 144 लागू कर दी है. बहरहाल, बात करते हैं धारा 144 और कर्फ्यू के बीच के अंतर की. यह भी पढ़ें- नागरिकता कानून के खिलाफ मुंबई में विरोध प्रदर्शन आज, सीएम उद्धव ठाकरे ने की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील.
सीआरपीसी की धारा 144-
धारा 144 के तहत जनसभा करने या चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने या जुलूस निकालने पर रोक है. दरअसल, धारा 144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है. इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस जगह पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है. धारा 144 का उल्लंघन करने पर किसी भी शख्स के खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है. इसके लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा हो सकती है.
धारा 144 और कर्फ्यू के बीच अंतर?
बता दें कि धारा 144 और कर्फ्यू एक चीज नहीं है. दोनों में अंतर है. किसी इलाके में हालात काफी खराब हो जाने के बाद वहां कर्फ्यू गाया जाता है. इस दौरान लोगों को एक खास समय या अवधि तक अपने घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है. मार्केट, स्कूल, कॉलेज आदि को बंद करने का आदेश दिया जाता है. केवल आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखने की अनुमति दी जाती है.