Adani-Hindenburg Row: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
शेयर बाजार नियामक ने पिछले महीने कहा था कि हिंडनबर्ग और एंडरसन ने 'सेबी के धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम के नियमों' और 'सेबी के रिसर्च एनालिस्ट के लिए बनाई गई आचार संहिता के नियमों' का उल्लंघन किया है. बुच दंपत्ति ने साझा बयान में कहा है कि 10 अगस्त की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे "पूरी तरह से तथ्यहीन हैं और हम उन्हें सिरे से खारिज करते हैं". बयान में कहा गया कि दंपति की जिंदगी और उनका फाइनेंस एक खुली किताब की तरह है. यह भी पढ़ें: Adani Group on Hindenburg Research Report: अडानी ग्रुप की सफाई, हिंडनबर्ग के ताजा आरोप अफवाहों से अधिक कुछ नहीं
बीते कई वर्षों में सेबी के नियमों के अनुसार जरूरी डिस्क्लोजर दिए जा चुके हैं. उन्होंने कहा, "हमें अपना कोई भी वित्तीय दस्तावेज दिखाने में किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है. चाहे वे उस समय के क्यों न हों जब हम आम नागरिक थे. इसके अलावा पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हम जल्द ही एक विस्तृत बयान पेश करेंगे." बयान में कहा गया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन की कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने जवाब में चरित्र हनन का विकल्प चुना है.
बाजार नियामक की ओर से आगे कहा गया कि हिंडनबर्ग गलत जानकारी फैलाकर "पैनिक सेलिंग" के जरिए अनुचित लाभ अर्जित करना चाहता है. शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब अमेरिकी बाजार नियामक सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) उस पर नकेल कस रहा है. जुलाई के आखिर में अमेरिकी बाजार नियामक ने गलत तरीके से कमाए गए लाभ के लिए शॉर्ट सेलिंग फर्म सिट्रॉन कैपिटल और उसके प्रमुख एंड्रयू लेफ्ट पर कार्रवाई करने का ऐलान किया था.