Bihar: 25 साल के आतंक का खात्मा, 5 राज्यों के लिए मोस्ट वांटेड था नक्सली कमांडर विजय यादव
नक्सली विजय उर्फ संदीप यादव (Photo Credit : Twitter)

रांची, 26 मई: बिहार (Bihar) के गया जिला अंतर्गत बांके बाजार में भाकपा माओवादी संगठन के जिस नक्सली विजय उर्फ संदीप यादव की (Naxalite Vijay alias Sandeep Yadav) लाश बरामद की गयी है, वह पिछले 25 सालों से पांच राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बना हुआ था. नक्सल प्रभावित इलाकों में उसका नाम आतंक का पर्याय था. झारखंड की पुलिस ने उसपर सबसे अधिक 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. झारखंड (Jharkhand) के पलामू प्रमंडल और चतरा जिले के इलाकों में एक खास तबके के बीच उसकी रॉबिनहुड जैसी छवि थी. वह इस तबके में आयोजित होनेवाले कई पारिवारिक कार्यक्रमों में भी शामिल होता था. Bihar: सीवान में शराब तस्करों ने ASI को कार से कुचला, मौके पर हुई मौत, आरोपी फरार

कुछ समय पहले पुलिस ने नक्सली वारदातों में उसके खिलाफ दर्ज मामलों की सूची तैयार की थी. इसके मुताबिक वह 88 मामलों में वांछित था. झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल और आंध्रप्रदेश में भी उसपर मामले दर्ज हैं.झारखंड पुलिस की वांटेड सूची में यह आठवें नंबर पर था. उसके पिता का नाम रामदेव यादव है. यह ग्राम लुटवाटोला बाबुरामडीह थाना इमामगंज जिला गया (बिहार) का मूल निवासी था.

विजय यादव झारखंड के इलाकों में बड़े साहब के नाम से जाना जाता था. उसने फिल्मी स्टाइल में एक घुड़सवार दस्ता तैयार किया था. दस्ते के लोग उसकी अगुवाई में एके-47 जैसे हथियार लेकर चलते थे. उसका अपना खुफिया तंत्र था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही किसी इलाके में उसका मूवमेंट होता था. उसके इर्द-गर्द त्रिस्तरीय सुरक्षा दस्ता था. कई बार पुलिस उसके ठिकानों पर पहुंची, लेकिन वह हर बार चकमा देकर निकलने में कामयाब रहता था. उसके दस्ते के हमलों में दर्जनों पुलिसकर्मी और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हुए थे. पुलिस के पास उसकी मात्र एक बेहद पुरानी तस्वीर थी.

उसकी लाश बिहार के बांकेबाजार के पास स्थित उसके गांव में बुधवार को कुछ लोग चबूतरे पर छोड़ गये. विजय के पुत्र ने अपने पिता की लाश की पहचान की है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसकी हत्या के पीछे उसके अपने ही विश्वस्त लोगों ने की है.

2018 में ईडी ने संदीप यादव उर्फ विजय यादव उर्फ रूपेश के ठिकानों पर रेड डालकर86 लाख मूल्य की चल-अचल संपत्ति जब्त की थी. जब्त संपत्ति में भूखंड और फ्लैट की कीमत 50 लाख रुपये आंकी गयी थी. विजय यादव की पत्नी बांके बाजार में शिक्षिका है. रांची के डीआईजी विजय यादव की मौत की सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस ने भी बिहार पुलिस से संपर्क साधा है.