नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) सनातन धर्म से जुड़े अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना झेलने के बाद उन्हें अपने बयान को लेकर सफाई दी है. सनातन धर्म पर उनकी स्पीच के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश देखने को मिला. उनके इस बयान पर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे लेकर सफाई दी. 'ऐसे कई स्टालिन आएंगे और चले जाएंगे, सनातन धर्म हमेशा रहेगा', उदयनिधि पर भड़के CM एकनाथ शिंदे.
उदयनिधि ने अपनी सफाई में कहा, "बीजेपी के दावे के मुताबिक उन्होंने अपने बयान में कहीं भी नरसंहार का जिक्र नहीं किया है. उन्होंने बस सनातन धर्म की आलोचना की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देकर कहा कि जैसे पीएम मोदी 'कांग्रेस मुक्त भारत' की बात करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह कांग्रेसियों की हत्या करने के लिए कह रहे हैं.
उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश देखने को मिला. बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि द्रमुक नेता ने सनातन धर्म को मानने वाली 80 प्रतिशत जनता का ‘नरसंहार’ करने का आह्वान किया है. हालांकि, उदयनिधि ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है.
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिये. उन्होंने कहा, ‘‘सनातन क्या है? यह संस्कृत से आया शब्द है. सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं.’’
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ की शनिवार को यहां आयोजित बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है.













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