भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी नेता चुने गए, उप नेता के लिए विजय सिन्हा के नाम पर मुहर
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पटना, 19 नवंबर : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत के बाद अब सरकार बनाने की कवायद तेज हो गयी है. इस बीच, बुधवार को बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी को नेता चुन लिया गया. भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे.

इस बैठक में सभी नवनिर्वाचित विधायक उपस्थित रहे. बैठक के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने इसकी घोषणा की. उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी को नेता चुना गया. इसके अलावा, उप नेता के तौर पर विजय कुमार सिन्हा के नाम का भी प्रस्ताव आया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. इससे साफ है कि भाजपा की ओर से फिर से इन दोनों नेताओं को दोहराया गया है. बुधवार की शाम को एनडीए विधायक दल की बैठक होगी. इस बैठक में नीतीश कुमार के फिर से नेता चुने जाने की संभावना है. गुरुवार को गांधी मैदान में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा. यह भी पढ़ें : पीयूष गोयल ने उद्यमियों से की मुलाकात, ग्रोथ और इनोवेशन को बढ़ाने पर हुई चर्चा

बिहार चुनाव के परिणाम को लेकर पूरे देश में उत्साह है. शपथ ग्रहण समारोह गांधी मैदान में होना निर्धारित है. इसे लेकर गांधी मैदान में व्यापक तैयारी की जा रही है. इस समारोह में आम से खास लोगों के जुटने की संभावना को देखते हुए उसी तरह की तैयारी की जा रही है. इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार की शाम गांधी मैदान पहुंचकर नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया. नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को प्रस्तावित है. निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने मंच पर अतिथियों के बैठने की व्यवस्था एवं अन्य उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली थी.

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में एनडीए को कुल 202 सीटें मिली हैं. भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 85 सीटों के साथ है. वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) का स्ट्राइक रेट भी बेहतर रहा. पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत दर्ज की, जो एनडीए में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी और पूरे बिहार में चौथे नंबर की पार्टी रही. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली है.