नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि 240 फंसे हुए भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) को लेकर छठी उड़ान 'ऑपरेशन गंगा' (Operation Ganga) के तहत हंगरी (Hungary) के बुडापेस्ट (Budapest) से दिल्ली (Delhi) के लिए रवाना हो गई है. उन्होंने ट्विटर (Twitter) पर कहा, "240 भारतीय नागरिकों के साथ 'ऑपरेशन गंगा' के तहत बुडापेस्ट से छठी उड़ान दिल्ली के लिए रवाना हो गई है." Russia Ukraine Crisis: युक्रेन से गुजरात के 100 मेडिकल छात्र भारत वापस लाए गए, सीएम भूपेंद्र पटेल ने किया स्वागत
युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को लाने का अभियान जोरों पर है और इसके पड़ोसी देशों से लगातार विमान भारत पहुंच रहे हैं. सरकार के अधिकारियों ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से अब तक 1,137 से अधिक छात्रों को निकाला जा चुका है और वे भारत आ चुके हैं.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रगति की समीक्षा की और ऑपरेशन गंगा के तहत निकासी मिशन की निगरानी के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को विशेष दूत के रूप में यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया.
अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया, हरदीप सिंह पुरी हंगरी और जनरल सिंह (सेवानिवृत्त) पोलैंड से जिम्मेदारी संभालेंगे. कीव में भारतीय दूतावास ने सोमवार को कहा कि सप्ताहांत कर्फ्यू हटा लिया गया है और सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पश्चिमी हिस्सों की यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन पर जाएं.
इसने यह भी कहा कि यूक्रेन रेलवे निकासी के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा है और भारतीय छात्रों को यात्रा के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा क्योंकि यह उनके लिए यह सुविधा मुफ्त है. कीव में भारतीय दूतावास ने यह भी कहा कि कर्फ्यू हटा लिया गया है ताकि भारतीय छात्र पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और रोमानिया में प्रवेश करने के लिए यूक्रेनी सीमा पर निकास बिंदुओं तक पहुंच सकें.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला द्वारा रविवार को भारत में यूक्रेन के राजदूत से बात करने और भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए चिंता व्यक्त करने के बाद यूक्रेनी सरकार ने कर्फ्यू हटा लिया और पश्चिमी सीमाओं तक ले जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया.