पुलवामा आतंकी हमला: पाकिस्तान के बाद अब चीन पर भी लगाम लगाओ, RSS के स्वदेश जागरण मंच ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी को पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. बता दें कि जिस गाड़ी से जवानों के काफिले पर हमला किया गया उसमें करीब 200 किलो से अधिक विस्फोटक मौजूद था.

टिक टॉक सोशल मीडिया ऐप (Photo Credits: Wiki Commons)

जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी को पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. बता दें कि जिस गाड़ी से जवानों के काफिले पर हमला किया गया उसमें करीब 200 किलो से अधिक विस्फोटक मौजूद था. हमला जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा के अवंतीपूरा में हुआ. जवानों से भरी गाड़ियां हाइवे से गुजर रही थीं उसी वक्त हमला हुआ और फिर गाड़ी में आग लग गई. ब्लास्ट के बाद आतंकियों ने जवानों से भरी बस पर फायरिंग भी की.

बता दें की इस दिल को दहला देने वाले हमले के बाद देश में आतंकवादियों और पाकिस्तान के प्रति जबरदस्त रोष फैला हुआ है. देश में हर जगह पाकिस्तान के वस्तुओं और सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर टिक टॉक जैसे चीनी सोशल मीडिया ऐप को बैन करने और सभी मोबाइल फोन से हटाने की मांग की है. मंच ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में मदद न करने वाले चीन को 'दुश्मन देश' बताते हुए कहा है कि भारत में सभी चीनी कंपनियों और चीनी ऐप पर तत्काल अंकुश लगाया जाए.

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इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार पीएम मोदी को लिखे अपने लेटर में संगठन ने कहा है कि यह सभी भारतीयों का दायित्व है कि किसी ऐसे देश या व्यक्ति को होने वाले आर्थिक फायदों को रोकें जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवादियों का समर्थन करता हो.

बता दें कि भारत में करीब टिक टॉक ऐप के 20 करोड़ यूजर हैं. वहीं पुरे विश्व की बात करें तो टिक टॉक (Tik Tok) के 50 करोड़ यूजर हैं. पिछले कुछ वर्षों में देश में चीनी सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स कंपनियों का विस्तार तेजी से हुआ है और जानकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं मानते. ऐसा माना जा रहा है कि टिक टॉक और हेलो जैसे ऐप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है.

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