बिहार सीट बंटवारे को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा का BJP को अल्टीमेटम- 30 नवंबर तक पार्टी ले कोई फैसला
रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Photo: ANI)

पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 30 नवंबर तक लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में सीटों की सम्मानजनक साझेदारी सुनिश्चित करने का अल्टीमेटम दिया. कुशवाहा ने कहा कि भाजप द्वारा सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए सीटों की साझेदारी का जो फार्मूला दिया गया है उसे रालोसपा ने खारिज करने का फैसला लिया है.

पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से बातचीत में कुशवाहा ने कहा, "भाजपा को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में राजग के तहत रालोसपा को सम्मानजनक सीटें देने का फैसला करना चाहिए."कुशवाहा ने कहा कि सीटों को लेकर भाजपा द्वारा की गई पेशकश को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी ने खारिज कर दिया है। हालांकि उन्होंने भाजपा द्वारा पेशकश की गई सीटों की संख्या नहीं बताई. यह भी पढ़े: बिहार में NDA में दरार: उपेंद्र कुशवाहा ने बोला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला, कहा- डीएनए रिपोर्ट आई या नहीं

कुशवाहा इस बात से भी नाराज थे कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मिलने के लिए उनको समय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, "मैंने बिहार में राजग के तहत सीटों की सम्मानजनक साझेदारी को लेकर बातचीत करने के लिए अमित शाह से मिलने के लिए दो बार कोशिश की। शुक्रवार को भी मैं उनसे मिलने का इंतजार कर रहा था, लेकिन हम नहीं मिल पाए। मुझे उनसे मिलने के लिए समय नहीं दिया गया."कुशवाहा ने कहा कि अब वह सीटों की साझेदारी को लेकर प्रधानमंत्री के सिवा भाजपा के किसी नेता से नहीं मिलेंगे.यह भी पढ़े: उपेंद्र कुशवाहा और रामविलास पासवान BJP के साथ थे, हैं और रहेंगे, विपक्ष का झुनझुना रखा रह जाएगा, हम मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे: अश्विनी चौबे

उन्होंने कहा, "मैं सीटों की साझेदारी को लेकर बातचीत के लिए अपनी ओर से कोशिश नहीं करूंगा. अब भाजपा को रालोसपा के साथ सीटों की साझेदारी के लिए कोशिश करनी होगी,"उन्होंने कहा कि सीटों की साझेदारी में विलंब करने से संकट पैदा होगा और राजग के लिए यह महंगा साबित होगा. उन्होंने कहा, "यह भाजपा के लिए नुकसानदेह होगा. कुशवाहा का आरोप है कि बिहार के म़ुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) रालोसपा को तोड़ने और उनको राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के गठबंधन को उम्मीद है कि रालोसपा जल्द ही उसके साथ होगी.