Wrestlers Of Maharashtra: 20-20 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद इंडियन क्रिकेट टीम को 125 करोड़ का ईनाम दिया गया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने भी खिलाडियों को 11 करोड़ का ईनाम दिया था. लेकिन इसी बीच हिंदकेसरी और महाराष्ट्र केसरी के मल्ल पहलवानों का मानधन कई महीनों से नहीं दिया गया है.
जिसके कारण उन्होंने नाराजगी जाहिर की है. पिछले कई महीनों से इन कुश्ती पहलवानों को मानधन नहीं दिया गया है. क्रिकेटर्स को करोड़ो रुपये देने पर इन्होने नाराजी दिखाई है और इन्होने कहा है की सरकार ने हमारी तरफ भी ध्यान देना चाहिए. ये भी पढ़े :Kumar Maharashtra Kesari Suicide: ‘कुमार महाराष्ट्र केसरी’ पहलवान सूरज निकम ने की आत्महत्या!
साल 1995 से पहलवानों को मानधन दिया जाने लगा. 1997 में मानधन में 1 हजार रुपये बढ़ाएं गए, 1998 के बाद मानधन एक हजार रूपये से बढ़ाकर 3000 रूपये कर दिया गया. जब अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री थे तो 4000 हजार तक का मानधन दिया जाता था. पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के कार्यकाल के दौरान, हिंदकेसरी और महाराष्ट्र केसरी दोनों मल्ल पहलवानों को 6000 रुपये का मानधन दिया गया.
कई बार हिंदकेसरी और महाराष्ट्र केसरी पहलवानों ने तत्कालीन मंत्रिमंडल से मुलाक़ात की और मानधन को बढाने की मांग की. इसके लिए कई बार निवेदन भी दिया गया. लेकिन सरकार ने इनपर ध्यान नहीं दिया. सरकार ने अगर हमपर ध्यान नहीं दिया तो हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा, ऐसी प्रतिक्रिया भी इस दौरान इन्होने दी. कुश्ती पहलवानों को शरीर को स्वस्थ रखने के अच्छे आहार की जरुरत होती है. जिसके कारण महीने का खर्च ज्यादा होता है.
बिना नौकरी , थोड़े से मानधन और स्पॉन्सर नहीं मिलने की वजह से कुश्ती पहलवानों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जाता है की छत्रपति शाहू महाराज ने इस कुश्ती के खेल को आश्रय दिया था. लेकिन अब सरकार इनपर और इस खेल पर ध्यान नहीं दे रही है, हिंदकेसरी, महाराष्ट्र केसरी, मल्लों का मानधन पिछले 10 महीनों से नहीं दिया गया है.