चंडीगढ़, 23 जनवरी : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव (International Gita Festival) की थीम पर हरियाणा की भगवान कृष्ण के विराट स्वरूप की झांकी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई जाएगी. रक्षा मंत्रालय ने लगातार दूसरी बार गणतंत्र दिवस समारोह के लिए हरियाणा की झांकी का चयन किया है. मुख्यमंत्री के अपर प्रधान सचिव अमित अग्रवाल ने पिछले साल कहा था कि खेलों में राज्य की उपलब्धियों को 'खेलों में नंबर वन हरियाणा' की थीम पर झांकी के माध्यम से देश के सामने पेश किया जाता है.
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र, जिसे संस्कृति और सभ्यता की एक प्रसिद्ध सीट के रूप में जाना जाता है, को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. उन्होंने कहा, "पवित्र नदी सरस्वती के तट पर, वेदों और पुराणों की रचना और संकलन किया गया था. लगभग 5,159 साल पहले महाभारत युद्ध के पहले दिन, श्रीमद्भगवद् गीता का शाश्वत संदेश भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को दिया था, तब से कुरुक्षेत्र की पहचान गीता के जन्मस्थान के रूप में की गई है." यह भी पढ़ें : Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने स्कूल परिसर में दे सकते हैं यह ओजस्वी भाषण!
उन्होंने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र का दौरा किया था, तब उन्होंने कहा था कि कुरुक्षेत्र को गीता के स्थान के रूप में मान्यता देने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. इसी सोच को मूर्त रूप देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में गीता की जन्मभूमि को विश्व स्तर पर पहचान मिल रही है और इस श्रंखला के तहत देश-विदेश में 'अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव' का भी आयोजन किया जा चुका है.
अग्रवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झांकी पूरी दुनिया को श्रीमद् भगवद गीता का अमर संदेश देगी. झांकी में भगवान कृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया है. विराट स्वरूप की प्रदर्शित प्रतिमा में भगवान विष्णु के नौ सिर क्रमश: अग्नि, नरसिंह, गणेश, शिव, विष्णु, ब्रह्मा, अश्विनी कुमार, हनुमान और परशुराम हैं, जो बाएं से दाएं क्रम में हैं. एक गोलाकार मंच पर बनाया गया, नीचे का पूरा भाग एक जटिल डिजाइन में बनाया गया है.