नई दिल्ली: रिलायंस जियो इंफोकॉम नए साल यानी 1 जनवरी से दूरसंचार क्षेत्र के सबसे पसंदीदा उपभोक्ता रेलवे को सेवाएं देगी. अधिकारियों का कहना है कि इससे रेलवे के फोन बिल में कम से कम 35 प्रतिशत की कमी आएगी. अभी तक रेलवे की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल रही है. पिछले छह साल से एयरटेल रेलवे को 1.95 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन उपलब्ध करा रही है, जिसका इस्तेमाल उसके कर्मचारियों द्वारा देशभर में ‘क्लोज्ड यूजर ग्रुप’ (सीयूजी) में किया जाता है. बताया जाता है कि इसके लिए रेलवे भारती एयरटेल को सालाना 100 करोड़ रुपये का बिल चुकाती है. भारतीय एयरटेल की वैधता इस साल 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है.
रेलवे बोर्ड के 20 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि उसने रेलटेल (रेल क्षेत्र के सार्वजनिकउपक्रम) भारतीय रेल के लिए नयी सीयूजी योजना को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी दी है, क्योंकि मौजूदा योजना की वैधता 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त हो रही है. रेलटेल ने नयी सीयूजी योजना को अंतिम रूप देते हुए रिलायंस जियो इन्फोकॉम को इस योजना के क्रियान्वयन का अनुबंध दिया है. आदेश में कहा गया है कि नयी सीयूजी एक जनवरी, 2019 से लागू होगी. आदेश में कंपनी द्वारा ली जाने वाली दरों का भी ब्योरा है.
सीयूजी मोबाइल आपरेटरों द्वारा प्रदान की जाने वाली पूरक सेवा है. इसमें ग्राहक समूह में शामिल किसी भी व्यक्ति को कॉल कर सकता है या कॉल ले सकता है. यह सेवा एसएमएस पर भी लागू होती है. इस योजना के तहत रिलायंस जियो 4जी-3जी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी. इसमें कॉल मुफ्त होंगी.
कंपनी रेलवे को चार पैकेज उपलब्ध कराएगी. सबसे वरिष्ठ अधिकारियों (दो प्रतिशत) को 125 रुपये मासिक शुल्क का 60 जीबी का प्लान उपलब्ध कराया जाएगा.
संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों (26 प्रतिशत) को 99 रुपये मासिक शुल्क का 45 जीबी का प्लान, समूह सी कर्मचारियों (72 प्रतिशत) 67 रुपये शुल्क वाला 30 जीबी का प्लान और थोक एसएमएस का 49 रुपये का प्लान उपलब्ध कराएगी. नियमित ग्राहकों के लिए जियो का 25 जीबी का प्लान 199 रुपये में उपलब्ध है. इसके बाद ग्राहकों को अपने प्लान के टॉपअप के लिए 20 रुपये प्रति जीबी का भुगतान करना होता है.