जनगणना 2021: रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने जारी किया नोटिफिकेशन, लोगों से पूछे जाएंगे ऐसे सवाल, देखें पूरी लिस्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: देश के विभिन्न इलाकों में नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है. इस बीच भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (The Registrar General and Census Commissioner of India) विवेक जोशी (Vivek Joshi) ने गुरुवार को एक अधिसूचना (Notification) जारी की है, जिसमें जनगणना 2021 (Census 2021) के दौरान लोगों से मांगी जानेवाली जानकारियों का उल्लेख किया गया है. जनगणना 2021 के लिए जारी किए गए इस नोटिफिकेशन की लिस्ट में 31 पॉइंटर्स शामिल हैं. जिसमें घर के मुखिया का लिंग, इंटरनेट का उपयोग और शौचालय के प्रकार इत्यादि चीजों का उल्लेख किया गया है.

देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच जनगणना 2021 के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस कानून के तहद गैर-मस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जबकि मुस्लिम शरणार्थियों को इससे वंचित रखा गया है, इसलिए इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश के तौर पर देखा जा रहा है.

देखें लिस्ट- 

सीएए-एनआरसी पर देशभर के लोगों की अलग-अलग राय है. एक ओर जहां अधिकांश लोग इसका विरोध कर रहे हैं तो वहीं कई लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि इसे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अभ्यास के साथ आगे बढ़ाया जाएगा. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए सूचना इकट्ठा करने का कार्य अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच आयोजित किया जाएगा. यह भी पढ़ें: CAA और NRC पर मचे बवाल के बीच अपडेट होगा NPR, मोदी कैबिनेट ने लगाई मुहर: सूत्र

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनपीआर विवाद पर बयान देते हुए कहा था कि यह प्रक्रिया एनआरसी से जुड़ी नहीं है. यह प्रक्रिया केवल जनगणना 2021 के लिए है. वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एनपीआर के कुछ पहलू को एनआरसी के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है. उधर, केरल और पश्चिम बंगाल में राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि वे अपने राज्यों में एनपीआर लागू नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि एनपीआर का पूरा नाम नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर है. देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना इसका मुख्य लक्ष्य है. इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी. एनपीआर और एनआरसी में अंतर है. एनआरसी के पीछे देश में अवैध नागरिकों की पहचान का मकसद छुपा है.