Unclaimed bank deposits: अगर आपके पास किसी इनवॉइलेट (निष्क्रिय) बैंक अकाउंट में पैसे पड़े हैं और आप उन्हें वापस पाना चाहते हैं, तो अब यह काम आसान हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच देशभर में विशेष कैंप आयोजित कर रहा है, ताकि लोग अपने निष्क्रिय खातों से पैसे सीधे और सरल तरीके से क्लेम कर सकें.
इनवॉइलेट अकाउंट क्या होता है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, कोई भी सविंग्स या करेंट अकाउंट जो ग्राहक द्वारा लगातार दो साल या उससे अधिक समय तक बिना किसी लेनदेन (जैसे जमा, निकासी, फंड ट्रांसफर या केवाईसी अपडेट) के रह जाता है, उसे इनवॉइलेट या निष्क्रिय अकाउंट कहा जाता है. ऐसे खातों में पैसा तो रहता है, लेकिन कई बैंकिंग सुविधाएँ सीमित कर दी जाती हैं. खाता फिर से एक्टिवेट करने के लिए केवाईसी अपडेट और कोई लेनदेन करना जरूरी होता है.
अगर कोई बैंक खाता 10 साल तक निष्क्रिय रहता है, तो उसमें जमा राशि ब्याज समेत सीधे भारतीय रिजर्व बैंक के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है. यह फंड मई 2014 में बनाया गया था और इसका उद्देश्य है, कि दस साल से ज्यादा समय तक बिना क्लेम किए गए पैसे को सुरक्षित रखा जाए.
इसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी कमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंकों को निर्देश दिया है, कि 10 साल तक निष्क्रिय रहे खातों में जमा पैसा और ब्याज भारतीय रिजर्व बैंक के ई-कुबेर (e-Kuber) प्लेटफॉर्म में ट्रांसफर किया जाए. इसका मतलब यह है, कि यदि किसी खाते में दस साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ है, तो बैंक को अगली महीने की आखिरी कार्यदिवस तक उस खाते की पूरी राशि सुरक्षित फंड में ट्रांसफर करनी होगी.
इस प्रक्रिया से लंबे समय तक निष्क्रिय खातों में जमा पैसे सुरक्षित रहते हैं, और ग्राहक या उनके कानूनी उत्तराधिकारी भविष्य में इसे आसानी से क्लेम कर सकते हैं.
डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड से पैसा कैसे वापस पाएँ?
ग्राहक या उनके कानूनी उत्तराधिकारी कभी भी डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड से अपना पैसा वापस ले सकते हैं, क्योंकि इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है. इसके लिए उन्हें किसी भी बैंक शाखा में जाकर, पहचान और खाता मालिकाना साबित करने वाले दस्तावेज़ (जैसे आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी) के साथ फॉर्म भरना होता है. सत्यापन पूरा होने के बाद पैसा ग्राहक को वापिस दे दिया जाता है. इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच विशेष कैंप आयोजित कर रहा है, ताकि लोग इस प्रक्रिया को आसानी से समझ और फॉलो कर सकें.
कैसे जांचें कि आपके पास अनक्लेम्ड फंड्स हैं?
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपके पास अनक्लेम्ड फंड्स हैं या नहीं, तो आप अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं या भारतीय रिजर्व बैंक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स-गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन (UDGAM) पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं.
अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स-गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन पोर्टल पर जांच की प्रक्रिया
- सबसे पहले अधिकारिक वेबसाइट udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login पर जाएँ.
- मोबाइल नंबर, नाम, पासवर्ड डालकर रजिस्टर करें और ओटीपी (OTP) वेरिफिकेशन पूरा करें.
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और पासवर्ड से लॉगिन करें.
- अब ‘Individual’ टैब में व्यक्तिगत विवरण और बैंक का नाम डालें, या सभी बैंक खोजने के लिए ‘All’ चुनें.
- पहचान प्रमाण (पैन, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और जन्म तिथि) दर्ज करें.
- इसके बाद सर्च करें.
- अगर मैच मिलता है, तो बैंक का नाम और अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स रिफरेन्स नंबर (UDRN) दिखेगा.
अभी 30 बैंक अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स-गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन पोर्टल पर हैं, जो डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड के 90% से अधिक अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स को कवर करते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक की नई योजना
जून 2025 तक बैंकिंग सिस्टम में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स 67,000 करोड़ रुपये से अधिक थे. इसे कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने नई योजना शुरू की है, जिसका नाम ‘निष्क्रिय खातों और बिना क्लेम किए गए जमा की त्वरित भुगतान सुविधा योजना’ (Scheme for Facilitating Accelerated Payout of Inoperative Accounts and Unclaimed Deposits) है. यह योजना 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू होगी.
इस योजना के तहत, चार साल तक निष्क्रिय खाते पर बैंक को 5% या 5,000 रुपये (जो कम हो) का इंसेंटिव मिलेगा. वहीं, दस साल तक निष्क्रिय खाते पर बैंक को 7.5% या 25,000 रुपये (जो कम हो) का इंसेंटिव दिया जाएगा.
बैंक ग्राहकों को अपने निष्क्रिय खातों को सेटल करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. इंसेंटिव के लिए बैंक क्वार्टरली क्लेम कर सकते हैं, जो क्वार्टर समाप्त होने के एक महीने के अंदर भेजना होगा. भुगतान 30 दिन के भीतर ऑडिट और निरीक्षण के बाद किया जाएगा.
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना के तहत भारतीय रिजर्व बैंक का लक्ष्य है, मौजूदा अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स को कम करना, भविष्य में डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में नए अनक्लेम्ड फंड्स की वृद्धि को रोकना, और बैंकिंग ग्राहकों को अपने निष्क्रिय खातों को एक्टिवेट करने के लिए प्रोत्साहित करना.













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