कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को लगा बड़ा झटका, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई ये 7 अहम बातें
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credit-ANI)

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रभाव के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कई बड़े ऐलान किए. इसमें उन्होंने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया. अब रेपो रेट 4.40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो जाएगा. वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.75 फीसदी से घटाकर 3.35 फीसदी किया गया. इसके अलावा लोन की किश्त चुकाने में छूट का समय 3 महीने और बढ़ाया, अगस्त तक फायदा मिलता रहेगा.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, कोरोना वायरस की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है. अप्रैल में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई घटकर 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया. डब्ल्यूटीओ के मुताबिक, दुनिया में कारोबार इस साल 13-32 प्रतिशत तक घट सकता है.

दो महीने के लॉकडाउन से देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इंडस्ट्री वाले टॉप-6 राज्यों के ज्यादातर इलाके रेड और ऑरेंज जोन में हैं. इन राज्यों की इंडस्ट्री का आर्थिक गतिविधियों में 60 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन होता है.

आरबीआई गवर्नर की बड़ी बातें-

जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव

शक्तिकांत दास ने आशंका जताई है कि चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव रह सकता है. उन्होंने कहा, सकल घरेलू उत्पाद (GDP)-2020-21 में निगेटिव रहने का अनुमान है. शक्तिकांत दास ने कहा कि हालांकि साल के दूसरे हिस्से में ग्रोथ में कुछ तेजी दिख सकती है. सिडबी को 15000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय मिलेगा. एक्सपोर्ट क्रेडिट समय 12 महीने से बढाकर 15 माह किया जा रहा है.

रेपो रेट अब 4.4 से घटकर 4.0 फीसदी हुआ

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. रेपो रेट अब 4.4 से घटकर अब 4.0 फीसदी हो गया है. वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने बैंक ब्याज दरों में 0.4 फीसदी की कटौती की है.

ब्याज दरों में कटौती

गवर्नर ने बताया कि MPC की बैठक में 6-5 सदस्यों ने ब्याज दरें घटाने के पक्ष में सहमति जताई. इस फैसले से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज पर ईएमआई सस्ती होगी.

महंगाई बढ़ने की आशंका

RBI गवर्नर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका है, लेकिन दूसरी छमाही में महंगाई में कमी का अनुमान है. उन्होंने बताया, खाद्य महंगाई फिर अप्रैल में बढ़कर 8.6 फीसदी हो गई. उन्होंने बताया कि ग्राहकों को दरों में कटौती का फायदा मिलने में तेजी आई है. उन्होंने कहा, खरीफ की बुवाई में 44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. दालों की महंगाई अगले महीनों में खासकर चिंता की बात रहेगी.

ईएमआई होल्ड करने की अवधि बढ़ी

RBI ने टर्म लोन मोरटोरियम 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है. पहले यह 31 मई तक के लिए था, तीन महीने और बढ़ने से अब 6 महीने के मोरटोरियम की सुविधा हो गई है. अब लोगों को लोन की EMI अगस्त तक नहीं चुकाने की छूट मिल गई है. यानी इन 6 महीने अगर आप अपनी EMI नहीं चुकाते हैं तो आपका लोन डिफॉल्ट या NPA कैटेगरी में नहीं माना जाएगा.

कोरोना से आर्थिक नुकसान

RBI गवर्नर ने कहा, कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है. देश में बिजली व पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट हुई है. आरबीआई ने कहा कि 6 बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन गिरा है. कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है. मार्च में सीमेंट का उत्पादन गिरा है.

मैन्युफैक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट

RBI गवर्नर ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट हुई तो वहीं कोर इंडस्ट्रीज के आउटपुट में 6.5 फीसदी की कमी सामने आई है. उन्होंने कहा, दालों की महंगाई चिंता का विषय है. अनाजों की आपूर्ति एफसीआई से बढ़ानी चाहिए. देश में रबी की फसल अच्छी हुई है. मांग और आपूर्ति का अनुपात गड़बड़ाने से देश की अर्थव्यवस्था थमी हुई है. सरकारी प्रयासों और रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों का असर भी सितंबर के बाद दिखना शुरू होगा.