मुंबई का ताज होटल न केवल अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की मानवता और करुणा की कहानियां भी प्रसिद्ध हैं. होटल के मालिक रतन टाटा को पशुओं से काफी लगाव था. वह पशु प्रेम, दरियादिली और करुणा के लिए मशहुर हैं. एक एचआर प्रोफेशनल रूबी खान ने लिंक्डइन पर इससे जुड़ी एक सच्ची कहानी सुनाई.
एक दिन ताज होटल के प्रवेश द्वार पर एक कुत्ता पूरी दुनिया की परेशानियों से बेखबर होकर शांति से सोया हुआ था. होटल के कर्मचारी इस कुत्ते को प्यार से 'राजा' कहते थे, जो एक आवारा कुत्ता था. राजा का जन्म उसी क्षेत्र में हुआ था और वह हमेशा से होटल के आसपास रहता था. वह होटल के दरवाजे के पास ही रहता था, जहां पर उसे हमेशा प्यार और दुलार मिलता था.
एक दिन, एक गेस्ट ने देखा कि राजा कुत्ता होटल के दरवाजे पर सो रहा था. उसने सोचा कि उसे वहां से भगा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. होटल के कर्मचारियों ने उसे देखकर मुस्कुराया और कहा, "राजा यहां का हिस्सा है. वह हमारे परिवार का सदस्य है." उस मेहमान को यह सुनकर हैरानी हुई, लेकिन उसके दिल में राजा के लिए एक खास जगह बन गई.
रतन टाटा का पशु प्रेम जगजाहिर है
होटल के मालिक रतन टाटा एक बड़े पशु प्रेमी थे. उन्होंने हमेशा से यह सुनिश्चित किया था कि आवारा कुत्तों को यहां सम्मान और सुरक्षा मिले. रतन टाटा के निर्देशों के अनुसार, यदि कोई आवारा कुत्ता होटल के परिसर में आता है, तो उसे अच्छे से रखा जाएगा. इस नियम के कारण राजा को न केवल सुरक्षित स्थान मिला, बल्कि उसे प्यार और देखभाल भी मिली.
राजा की कहानी सिर्फ एक कुत्ते की नहीं थी, बल्कि करुणा और सहानुभूति की थी. उसने अपने अद्भुत व्यवहार से मेहमानों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया. जो लोग ताज महल होटल में ठहरते, वे राजा के साथ तस्वीरें खींचते, उसे खाना खिलाते और उसे प्यार करते.
एक सोशल मीडिया यूजर ने भी रतन टाटा के होटल की सराहना की और कहा कि वह आवारा कुत्तों को शरण देते हैं. यूजर ने कहा “टाटा समूह के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में जाएं, जहां आप देखेंगे कि आवारा कुत्ते बिना किसी रोक-टोक के आ जा रहे हैं. उन्हें अपनाया गया है और एक पालतू जानवर की तहर सम्मान और गरिमा दी गई है.”
रतन टाटा की यह पहल एक सशक्त संदेश देती है कि करुणा और सहानुभूति का मूल्य हमारे समाज में कितना महत्वपूर्ण है. ताज महल होटल का यह उदाहरण निश्चित रूप से सभी के लिए एक प्रेरणा है.