Ram Lalla Surya Tilak Video: अद्भूत नजारा! 500 साल में पहली बार हुआ रामलला का भव्य सूर्याभिषेक, राम मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

आस्था और विज्ञान के संगम से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया. इस दौरान रामलला का ललाट सूर्य की किरणों से जगमग हो उठा. 500 साल के इतिहास में पहली बार श्रीराम का सूर्याभिषेक हुआ है.

आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है. इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की गई. आस्था और विज्ञान के संगम से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया. इस दौरान रामलला का ललाट सूर्य की किरणों से जगमग हो उठा. 500 साल के इतिहास में पहली बार श्रीराम का सूर्याभिषेक हुआ है.

रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्यतिलक का नजारा अद्भुत था. सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ी. यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश किया. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो गई. फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरी और लंबे पाइप से गर्भगृह वाले सिरे पर लगे शिशे से टकराई. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर पहुंची. लगातार पांच मिनट तक 75 मिलीमीटर के गोलाकार में सूर्य तिलक लगा.

आज के विशेष मौके के लिए रामलला की विशेष परिधान डिजाइन की गई है, जो पीले पीतांबर रंग की है. इसमें खादी और हैंडलूम का इस्तेमाल किया गया है. इस परिधान को तैयार करने में वैष्णो संप्रदाय के प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही गोल्ड और सिल्वर धागों का इस्तेमाल हुआ है. रामलला के वस्त्रकार मनीष त्रिपाठी का कहना है कि रामलला के परिधान को तैयार करने में 20 से 22 दिन का समय लगता है. रामलला के वस्त्रों में मखमली कॉटन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि अंदर से सॉफ्ट रहे.

राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रामलला को 56 भोग चढ़ाया गया है. आज रामनवमी का उत्सव है. आज के दिन सबकुछ विशेष है.

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