राम मंदिर निर्माण के लिए शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने 51 हजार रूपये देने का किया ऐलान
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ( फोटो क्रेडिट- ANI )

सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले के बाद राम मंदिर बनाने का मसला पूरी तरह से सुलझ गया. इसी के साथ सभी धर्मों के लोगों के अदालत के ऐतिहासिक फैसले का सम्मान किया. अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर (Ram temple in Ayodhya) बनाने के लिए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Shia Central Waqf Board) के चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने 51 हजार रुपये देने की घोषणा की है. वासिम रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है वही एक अकेला रास्ता था जिससे यह मामला सुलझ सकता था. अब हिन्दुस्तान में राम जन्म भूमि के स्थान पर दुनिया का सबसे सुन्दर राम मंदिर बनाने की तैयारी हो रही है. वसीम रिजवी फिल्मस 51 हजार रुपये की भेंट राम जन्म भूमि न्यास को दे रही है. वासिम रिजवी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी रामभक्तों के लिए गर्व का मामला है.

बात दें कि अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद 2022 में जब भारत आजादी के 75 साल मना रहा होगा, उससे पहले ही राम जन्मभूमि में प्रस्तावित राम मंदिर बनाने का कार्य पूरा हो जाएगा. अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए 2100 किलो वजनी एक विशाल घंटे का निर्माण किया गया है. इसका निर्माण एटा जिले के जालेसर निवासी मुस्लिम कारीगर इकबाल ने किया है. घंटे की लंबाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट है। इसे जालेसर नगरपालिका के अध्यक्ष विकास मित्तल के कारखाने में बनाया गया है. इसे हिंदू-मुस्लिम समुदाय की एकता से जोड़कर देखा जा रहा है. इस घंटे को बनाने में करीब 10 से 12 लाख रुपये खर्च हुए हैं.

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गौरतलब हो कि कुछ महीनों पहले वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi)को पत्र लिखकर देश में चल रहे मदरसों को बंद करने का अनुरोध फिर से दोहराया था. वसीम रिजवी ने आरोप लगाया था कि मदरसों में बच्चों को बाकियों से अलग कर कट्टरपंथी सोच के तहत तैयार किया जाता है. उन्हें आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा को प्रमोट करने काम किया जाता है. रिजवी ने अपने इस पत्र में मदरो को बंद करवाने की अपील भी थी. उन्होंने बल्कि इसके बदले में हाई स्कूल के बाद धार्मिक तालीम के लिए मदरसे जाने के विकल्प का सुझाव दिया था.