Wasim Rizvi: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपनाया हिंदू धर्म, अब जाने जाएंगे हरबीर नारायण सिंह त्यागी नाम से
Wasim Rizvi ने अपनाया हिन्दूधर्म

मुंबई, 6 दिसंबर: पूर्व नेता और शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने सोमवार को गाजियाबाद के डासना मंदिर में हिंदू धर्म अपना लिया है. वसीम रिजवी के धर्म परिवर्तन समारोह का संचालन महंत नरसिम्हा आनंद सरस्वती (Mahant Narasimha Ananda Sarawati) ने किया. वसीम रिजवी अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी (Harbir Narayan Singh Tyagi) के नाम से जाने जाएंगे. हिंदू धर्म अपनाने से पहले वसीम रिजवी ने इच्छा व्यक्त की थी कि उन्हें दफनाया नहीं जाना चाहिए बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए. उन्होंने अपनी वसीयत में कहा था कि महंत नरसिंह आनंद सरस्वती को ही उनकी चिता जलानी चाहिए. हिंदू धर्म अपनाने के बाद, हरबीर नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि वह केवल हिंदुत्व और हिंदुओं की भलाई के लिए काम करेंगे. यह भी पढ़ें: शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का विवादित बयान, असदुद्दीन ओवैसी की तुलना आतंकी संगठन ISIS के सरगना बगदादी से की

रिजवी ने कई विवादों को जन्म दिया था, सबसे हाल ही में, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वसीम रिजवी द्वारा अपनी पुस्तक 'मुहम्मद' लॉन्च करने के बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. ओवैसी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि रिजवी ने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए यह किताब लिखी है. इससे पहले वसिम रिजवी ने तब सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि ये आयतें कथित तौर पर आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं.

इस बारे में वसीम रिजवी ने कहा, ‘धर्म परिवर्तन कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं… सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और इसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, इंसानियत पाई जाती है, जो कि किसी और दूसरे धर्म में नहीं है और इस्लाम को हम धर्म समझते ही नहीं है. हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, इसलिए आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं.’