Ram Mandir Bhoomi Poojan on August 5: अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, सीएम योगी ने लिया जायजा; जानें 10 बड़ी बातें
भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या ( फोटो क्रेडिट- PTI)

अयोध्या रामलला के भव्य मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है. घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है. सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही है. दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृष्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं. पूरा देश 5 अगस्त का इंतजार कर रहा है. दरअसल 5 अगस्त के दिन भगवान श्री राम के मंदिर का भूमि पूजन रखा गया है. जिसके बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. इस दौरान देश के कई दिग्गज नेता इस कार्यक्रम में शामिल रहेंगे. जिनमे पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत, गवर्नर आनंदीबेन पटेल समेत कई लोग शामिल होने वाले हैं. इसी के साथ सुरक्षा व्यवस्था को और भी पुख्ता कर दिया गया है.

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अयोध्या का दौरा किया. इस बार अयोध्या पर दो बड़ा खतरा मंडरा रहा है. पहला तो कोरोना वायरस महामारी है. दूसरा आतंकी खतरा है. जिसके मद्देनजर किसी तरह की नरमी बरतना केंद्र और राज्य सरकार दोनों नहीं चाहते हैं. कोरोना संकट को देखते हुए लखनऊ से अयोध्या के लिए छह स्पेशल टीम रवाना कर दी गई हैं. वहीं सुरक्षा की बात करें तो चप्पे चप्पे पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है. भूमि पूजन के दौरान सिर्फ उन्हें ही इंट्री मिलेगी. जिसके पास निमंत्रण पत्र होगा. इसके अलावा उंची इमारतों पर स्नाइपर तैनात किए गए हैं. भूमि पूजन के दौरान सिर्फ उन्हें ही इंट्री मिलेगी. यह भी पढ़ें:- संभाजी भिडे बोले, अयोध्या के मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति की मूछें होनी चाहिए.

जानें अयोध्या से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें.

अयोध्या में गणेश जी की पूजा के साथ तीन दिन का अनुष्ठान शुरू हुआ. इसके बाद माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की पूजा की गई. अयोध्या और बनारस के 21 पंडित पूजा करा रहे हैं. यहां हर तरफ राम नाम की गूंज है. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत करेंगे.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि भूमि पूजन में 137 लोगों को निमंत्रण दिया गया है. निमंत्रण पत्र पर एक सिक्योरिटी कोड है. जिसे चेक करने के बाद ही गेस्ट को अंदर जाने दिया जाएगा. वहीं अंदर जाने के बाद दुबारा उस कार्ड को लेकर कोई नहीं जा सकता है. परिसर में मोबाइल नहीं लाया जासकता है. यहां पर कोई भी इलेक्ट्रनिक उपकरण नहीं जाएगा न ही कोई कैमरा जाएगा.

5 अगस्त को भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा. अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के दो दिन पहले भगवा रंग से रंगा एक निमंत्रण पत्र का अनावरण किया गया. इस निमंत्रण पत्र में पीएम मोदी के अलावा केवल तीन लोगों का नाम है. यह भी पढ़ें:- अयोध्या: राम मंदिर का राजीव गांधी जी पहले ही कर चुके है शिलान्यास, दिग्विजय सिंह ने किया दावा.

अयोध्या में भूमि पूजन के दिन उम्मीद जताई जा रही हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तकरीबन 12.30 तक पहुंच जाएंगे. इस दौरान पीएम मोदी अयोध्या में तकरीबन 3 घंटे तक रह सकते हैं.

अयोध्या पहुंचने पर सबसे पहले पीएम मोदी हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे. यहां उनके लिए विशेष पूजा की व्यवस्था रहेगी. पीएम मोदी हनुमानगढ़ी में पूजा करने के बाद मानस भवन में पूर्व-निर्मित मंदिर जाएंगे, जहां भगवान राम की मूर्ति रखी गई है. इसके बाद वह भूमि पूजन के लिए राम जन्मभूमि की ओर जाएंगे.

5 अगस्त के कार्यक्रम के मद्देनजर पूरे अयोध्या में सफाई अभियान शुरू किया गया है. इसके साथ भूमि पूजन के मद्देनजर पूरे इलाके को सेनिटाइज किया जा रहा है. यह भी पढ़ें:- अयोध्या: Ram Mandir Bhumi Pujan: पीएम मोदी भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त को साढ़े 12 बजे पहुंचेंगे अयोध्या, इकबाल अंसारी और नेपाल के संत भी होंगे शामिल.

राज जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को होम क्वारंटीन में भेज दिया गया है. उनके शिष्य प्रदीप दास तीन दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, मेरे शिष्य प्रदीप दास 30 जुलाई को कोरोना संक्रमित हो गए थे.

5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले धार्मिक नगरी अयोध्या को पीले रंग में तब्दील कर दिया गया है. अयोध्या की सड़क के दोनों किनारे या फिर गलियां, दुकान, मकान, सभी पीले रंग में रंगा जा रहा है.

मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने नगर निगम ने कहा कि इसे त्रेता युग के आधार पर तैयार किया गया है. इस दौरान 3 अगस्त लेकर पांच अगस्त के बीच 1 लाख दिए जलाए जाएंगे.

अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान वारणसी से विशेष चौरसिया समुदाय द्वारा चांदी के बने पान के पत्ते भेजे जाएंगे. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील कर कहा है इस इस दीवाली की तरह लोग अपने घरों पर मनाएं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कई ट्वीट और संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं. ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं. ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए वे अयोध्या के बाहर ही भजन-कीर्तन का आयोजन करें. भूमि पूजन में आमंत्रित अतिथियों में इकबाल अंसारी भी शामिल हैं. वह मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में पक्षकार थे.