रक्षामंत्री बनने के बाद सोमवार को पहले दौरे पर सियाचिन जाएंगे राजनाथ सिंह, सेनाध्यक्ष बिपिन रावत भी रहेंगे साथ
मोदी सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद राजनाथ सिंह शनिवार को अपना कार्यभार संभाला. रक्षामंत्री का अपना कार्यभार संभालने के बाद सोमवार को वेअपने पहले दौरे पर सियाचिन जा रहे हैं. उनके इस दौरे पर थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin rawat) भी साथ में रहेंगे.
नई दिल्ली: मोदी सरकार में रक्षा मंत्री (Defence Minister) की जिम्मेदारी मिलने के बाद राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) शनिवार को अपना कार्यभार संभाला. रक्षामंत्री का अपना कार्यभार संभालने के बाद सोमवार को वे अपने पहले दौरे पर सियाचिन जा रहे हैं. उनके इस दौरे पर थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin rawat) भी साथ में रहेंगे. बता दें कि पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पीएम मोदी के सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले वे गृहमंत्री थे. वहीं इस बार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को गृहमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है.
राजनाथ सिंह शनिवार को रक्षामंत्री के तौर पर अपना पदभार संभालने से पहले राष्ट्रीय शौर्य स्मारक गए थे. जहां उन्होंने देश सेवा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ सेनाध्यक्ष बिपिन रावत, वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह मौजूद थे. इसके बाद उन्होंने 3 सेना प्रमुखों से बातचीत करते हुए उन्हें अपने-अपने बलों की चुनौतियों और कामकाज पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा. जिस पर वे जल्द ही समीक्षा करने वाले हैं. यह भी पढ़े: अमित शाह ने संभाला गृह मंत्री का कार्यभार, राजनाथ सिंह ने लिया रक्षा मंत्रालय का चार्ज
बता दें कि राजनाथ सिंह से पहले सियाचिनका दौरा पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और निर्मला सीतारमण ने भी किया था. युद्ध परिस्थितियों के लिहाज से सियाचिनरणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है और उतना ही दुर्गम भी. हिमालयन रेंज में मौजूद सियाचिन ग्लेशियर की गिनती दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र के तौर पर होती है. 1984 से लेकर अब तक यहां करीब 900 जवान शहीद हो चुके हैं. इनमें से ज्यादातर की शहादत एवलांच और खराब मौसम के कारण हुई.