जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) जिले के राजगढ़ (Rajgarh) कस्बे में स्थित 300 साल पुराने भगवान शिव के मंदिर को तोड़े जाने के मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. राजस्थान सरकार ने राजगढ़ के एसडीएम केशव कुमार मीणा (Keshav Kumar Meena), राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहरिया (Satish Duharia) और नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी बनवारी लाल मीणा (Banwari Lal Meena) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. राजस्थान: अलवर जिले में मंदिर ध्वस्त किये जाने को लेकर भाजपा, कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप
राजस्थान के अलवर जिले के सराय मोहल्ले में प्राचीन शिव मंदिर तोड़े जाने का मामला सड़क से लेकर अब राजस्थान हाइकोर्ट पहुंच चुका है. इस मामले में सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट अमितोष पारीक की ओर से याचिका (पीआईएल) लगाई गई है जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जिला कलेक्टर, सब डिविशनल मजिस्ट्रेट, एग्जीक्यूटिव अफसर नगरपालिका अवं अन्य को पार्टी बनाया गया है.
Rajasthan government has suspended Rajgarh Sub-Divisional Magistrate (SDM) Keshav Kumar Meena, Rajgarh Municipality Board's chairman Satish Duharia and Executive Officer (EO) of the nagar panchayat, Banwari Lal Meena with immediate effect over temple demolition in Alwar
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 25, 2022
एडवोकेट अमितोष पारीक ने बताया कि राजगढ़ अलवर में सरकार द्वारा असंवैधानिक अवं कानून विरोधी तरीके से मास्टर प्लान की आड़ में आम जनता के घरों को व्यापारियों की दुकानों और प्राचीन शिव मंदिर के साथ अन्य मंदिरों को तोडा गया जिसके विरुद्ध हमने प्रकाश ठाकुरिया बनाम राज्य सरकार व अन्य के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी है.
एडवोकेट पारीक ने बताया कि असंवैधानिक तरीके से तोड़फोड़ करना और शिव मंदिर को तोड़ने से हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुची है और निर्दोष लोगों के मूल अधिकारों का हनन हुआ है. इन सब बातों को ध्यान में रखकर हमने जनहित याचिका लगायी है.
राजगढ़ में बीते हफ्ते तीन मंदिरों और कुछ दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. अधिकारियों ने कस्बे में एक सड़क को चौड़ा करने के लिए की गई इस कार्रवाई को अतिक्रमण रोधी अभियान बताया है. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई की मंजूरी राजगढ़ नगरपालिका बोर्ड ने दी थी. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी ने छह अप्रैल को 86 लोगों को नोटिस जारी कर सड़क से अतिक्रमण हटाने को कहा था और उन्हें वक्त दिया गया था.