Rajasthan: राजस्थान में पटाखों के कारण हुई दुर्घटनाओं में 10 बच्चों समेत 13 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई

दिवाली पर पटाखे जलाते समय जयपुर, झुंझुनू और भरतपुर सहित राजस्थान के कई शहरों में 10 बच्चों सहित कुल 13 लोगों की कम से कम एक आंख की रोशनी चली गई. यह जानकारी डॉक्टरों दी.

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जयपुर, 15 नवंबर : दिवाली पर पटाखे जलाते समय जयपुर, झुंझुनू और भरतपुर सहित राजस्थान के कई शहरों में 10 बच्चों सहित कुल 13 लोगों की कम से कम एक आंख की रोशनी चली गई. यह जानकारी डॉक्टरों दी. यह आंकड़ा यहां सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के नेत्र विभाग में तीन दिन की सर्जरी के बाद सामने आया, जिसमें मरीजों के कॉर्निया और रेटिना को नुकसान हुआ था. डॉक्टरों के मुताबिक, झुंझुनू के एक बच्चे की दोनों आंखों की रोशनी चली गई, जबकि 12 अन्य ऐसे हैं, जिनकी एक आंख की रोशनी चली गई.

एसएमएस अस्पताल में नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. पंकज शर्मा ने कहा, "तीन दिन (शनिवार से सोमवार) में 40 मामले सामने आए हैं. इनमें से करीब 25 मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया. 13 बड़ी सर्जरी की गई हैं. 12 लोगों की एक आंख की रोशनी चली गई. वहीं, एक मामला झुंझुनू से रेफर किया गया, जहां बम सेट करते समय घायल हुए बच्चे की दोनों आंखों की सर्जरी करनी पड़ी. ऑपरेशन के दौरान यह पाया गया कि उनकी बाईं आंख पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी, जबकि दाहिनी आंख को बचाने के लिए ऑपरेशन किया गया था.” यह भी पढ़ें : Modi Ji Ko Jai Shree Ram: रोड शो में बच्चे ने लगाए ‘मोदी जी को जय श्री राम’ के नारे, प्रधानमंत्री के नन्हे प्रशंसक का वीडियो वायरल

डॉक्टर के मुताबिक, पटाखों से लोग दो तरह से घायल होते हैं- एक तो पटाखे का एक हिस्सा गोली की तरह निकलकर लोगों को लगता है और दूसरा बारूद से जलने से. उन्‍होंने कहा, "अगर कोई बम बहुत करीब से फटता है तो बारूद आंखों में चला जाता है. 'अनार' फटने का भी मामला सामने आया है, जिससे आंख का कॉर्निया जल गया. 13 मरीजों में से 10 बच्चे हैं. इनकी उम्र 15 साल से कम है. तीन वयस्क हैं. उनमें से सभी को गंभीर चोटें आई हैं. एक या दो को छोड़कर, दृष्टि वापस लाना मुश्किल है. हमने आंखों की संरचना को संरक्षित करने के लिए ऑपरेशन किए हैं."

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