रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन के सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी सेक्शन तक 'कवच 4.0' सुरक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया. इस दौरान सात महत्वपूर्ण परीक्षण किए गए, जो ट्रेन सुरक्षा और संचालन क्षमता में बढ़ोतरी का संकेत देते हैं.
'कवच' प्रणाली के तहत किए गए सात प्रमुख परीक्षण:
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक सात प्रमुख परीक्षण किए, जो 'कवच' प्रणाली की कुशलता और रेलवे सुरक्षा में इसके योगदान को दर्शाते हैं. ये परीक्षण ट्रेन सुरक्षा को मजबूत करने और संचालन में सुधार लाने के उद्देश्य से किए गए थे.
1. होम सिग्नल नियंत्रण:
पहले परीक्षण के दौरान ट्रेन की गति 130 किमी/घंटा थी, जब 'कवच' प्रणाली ने स्वचालित रूप से इसे होम सिग्नल पर रोक दिया. इसने सिग्नल से 50 मीटर के भीतर ट्रेन को आगे बढ़ने से रोका. यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि ट्रेनें सिग्नल प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाता है.
Union Railway Minister @AshwiniVaishnaw travelled in a KAVACH-fitted train from Sawai Madhopur to Sumerganj Mandi for a trial to check the efficiency of automatic train protection system .@RailMinIndia #BharatKaKavach4 pic.twitter.com/Yl51tCPi6V
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 24, 2024
2. गति नियंत्रण:
दूसरे परीक्षण में 120 किमी/घंटा की स्थायी गति सीमा तय की गई थी. हालांकि, ड्राइवर ने ट्रेन को 130 किमी/घंटा की गति से चलाने का प्रयास किया, लेकिन 'कवच' प्रणाली ने गति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया और सुरक्षित क्षेत्र के बाद ट्रेन को पुनः 130 किमी/घंटा की गति पर लौटने की अनुमति दी.
3. लूप लाइन स्पीड प्रबंधन:
तीसरे परीक्षण में ट्रेन को 130 किमी/घंटा की गति से लूप लाइन पर चलाने का प्रयास किया गया. 'कवच' प्रणाली ने स्वतः ही ट्रेन की गति को 30 किमी/घंटा तक घटा दिया, जिससे ट्रेन सुरक्षित रूप से लूप लाइन से गुजर सकी.
4. आपातकालीन प्रतिक्रिया:
चौथे परीक्षण में स्टेशन मास्टर द्वारा असामान्य स्थिति की रिपोर्ट की गई, जिस पर 'कवच' प्रणाली ने स्वतः ही ट्रेन को रोक दिया. इस प्रतिक्रिया ने यह दर्शाया कि यह प्रणाली संभावित खतरों का तेजी से मुकाबला करने में सक्षम है.
5. लेवल क्रॉसिंग सुरक्षा:
पांचवें परीक्षण में लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा मापदंडों की जांच की गई. हालांकि ड्राइवर ने हॉर्न नहीं बजाया, लेकिन 'कवच' प्रणाली ने स्वचालित रूप से हॉर्न बजा दिया, जिससे क्रॉसिंग पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई.
Rajasthan: Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "The installation of Kavach, which is currently underway across the country, includes Kavach 4.0, which was approved by RDSO on July 16, 2024. The inspection has now been completed for some distance beyond Sawai Madhopur..." pic.twitter.com/pftqeyQUak
— IANS (@ians_india) September 24, 2024
6. कैब सिग्नलिंग दृश्यता:
छठे परीक्षण में लोकोमोटिव के कैब में लगातार अगले सिग्नल का संकेत प्रदर्शित किया गया. इसने ड्राइवर की जागरूकता बनाए रखने में कैब सिग्नलिंग फीचर की प्रभावशीलता को दिखाया.
7. SPAD (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) रोकथाम:
अंतिम परीक्षण में ड्राइवर ने लाल होम सिग्नल पार करने का प्रयास किया, लेकिन 'कवच' प्रणाली ने हस्तक्षेप करते हुए ट्रेन को सिग्नल पार करने से रोक दिया, जिससे संभावित दुर्घटना टल गई.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 'कवच 4.0' सुरक्षा प्रणाली के ये सफल परीक्षण भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा कदम है. यह प्रणाली न केवल ट्रेन संचालन में सुधार करती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है. 'कवच' जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से, भारतीय रेलवे दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षा मानकों को उच्च स्तर पर ले जाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है. इस सफलता के बाद, उम्मीद है कि 'कवच 4.0' का देशभर में व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा, जिससे भारतीय रेलवे को सुरक्षित और अधिक कुशल बनाया जा सकेगा.