कोरोना संकट के बीच राहुल गांधी ने कहा- सरकार को बढ़ानी होगी टेस्टिंग, राज्य को देनी होगी ताकत
देश में जारी कोरोना संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज (गुरुवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को हो रही दिक्कतों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है.
Coronavirus Lockdown: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लॉकडाउन (Lockdown) का दूसरा चरण चल रहा है, बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है, जिसके चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. देश में जारी कोरोना संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने आज (गुरुवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) को संबोधित किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को हो रही दिक्कतों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है.
राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन किसी भी तरह से कोविड-19 का समाधान नहीं है. यह महज एक पॉज बटन की तरह है. हम जब लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो वायरस अपना काम फिर से शुरू कर देगा. उन्होंने कहा कि हम अब उस स्तर पर पहुंच गए हैं जो आपातकालीन स्थिति है. भारत को एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ना होगा. मेरा मुख्य सुझाव है कि हमें रणनीतिक बनाकर काम करना होगा.
देखें ट्वीट-
एक पत्रकार द्वारा पूछे जाने पर कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोदी द्वारा उठाए गए कदमों में क्या कोई कमी रह गई है तो राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि मैं बहुत सार मुद्दों पर नरेंद्र मोदी से असहमत हूं, लेकिन अब यह समय लड़ने का नहीं है. हमें एकजुट होकर कोरोना वायरस से लड़ना होगा.
एकजुट होकर लड़ना है-
लॉकडाउन और कोरोना वायरस संकट को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते देश में खाने-पीने की चीजों की कमी आएगी. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब और मजदूर वर्गों पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बीमारी बढ़ेगी, क्योंकि कोरोना वायरस का इलाज लॉकडाउन नहीं है. लॉकडाउन समय और मौका दे सकता है, लेकिन इस महामारी को खत्म नहीं कर सकता. कोकोना वायरस महामारी को कंट्रोल करने के लिए रैंडम टेस्टिंग की संख्या बढ़ानी होगी, क्योंकि टेस्टिंग ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है.
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए रैपिंड टेस्टिंग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत में रैंडम टेस्टिंग किट नहीं आ रही है, ऐसे में सरकार को टेस्टिंग किट पर कोई रास्ता निकालना होगा और रणनीति बनाकर रैंडम टेस्टिंग करना होगा. बिना रैंडम टेस्टिंग के कोरोना वायरस को हराया नहीं जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने से पहले सरकार को तैयारी करनी है, क्योंकि देश में वित्तिय दबाव बढ़ने वाला है. उन्होंने कहा कि हमारा काम सरकार को सलाह देना है और उसे मानना या नहीं मानना सरकार की मर्जी है. यह भी पढ़ें: Coronavirus: सोनिया गांधी का देशवासियों को संदेश- कोरोना के खिलाफ हर हिंदुस्तानी एकजुट, लोग घरों में रहें और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें
बता दें कि इससे पहले बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने को लेकर सरकार से अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने मांग की थी कि कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों को आपातकालीन राशन कार्ड जारी किए जाएं. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि राशन कार्ड न होने के कारण अधिकांश गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज नहीं मिल पा रहा है और लॉकडाउन के चलते उनके सामने भूखमरी की नौबत आ गई है.
हालांकि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी करके लोगों से सावधानी बरतने की अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना योद्धाओं की तारीफ भी की थी. उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा था कि मेरे प्यारे देशवासियों आप सभी को नमस्कार, मुझे उम्मीद है कि कोविड-19 संकट के दौरान आप सब अपने-अपने घरों में सुरक्षित होंगे. सबसे पहले मैं इस संकट के समय में भी शांति, धैर्य और संयम बनाए रखने के लिए सभी देशवासियों को दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं.