नई दिल्ली: कतर (Qatar) में जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को उम्मीद की किरण दिखी है. कतर की अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील स्वीकार कर ली है. कतर की कोर्ट जल्द ही उनकी अपील पर सुनवाई कर सकती है. कतर की अदालत ने 23 नवंबर 2023 को इसे स्वीकार कर लिया और अब अपील का अध्ययन कर जल्द इस पर सुनवाई शुरू करेगी. Israel Hamas War: गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14,800 से अधिक.
भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर कतर में देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी के लिए काम कर रहे थे. अगस्त 2022 में इन सभी को गिरफ्तार किया गया.बीती 26 अक्तूबर 2023 को कतर की अदालत ने इन पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुना दी।
कतर की कोर्ट ने सुनाई है मौत की सजा
कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस’ ने 26 अक्टूबर को आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने फैसले को चौंकाने वाला बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी. इन आठों भारतीयों को कथित तौर पर जासूसी के आरोप में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था.
20 साल तक की देश की सेवा
गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के दिग्गजों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और नाविक रागेश गोपकुमार शामिल हैं. सभी पूर्व नौसेना अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 वर्षों तक का विशिष्ट सेवा रिकॉर्ड है और उन्होंने नौसेना में प्रशिक्षकों सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा पिछले सप्ताह कहा था कि भारत इस मामले पर कतर के प्राधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है और सरकार भारतीय नागरिकों को सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता मुहैया कराना जारी रखेगी.