Punjab Elections 2022: अमृतसर (पूर्व) में नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच कड़ा मुकाबला

सिद्धू ने पिछले साल दिसंबर में ड्रग्स मामले में मजीठिया पर मामला दर्ज होने का जोरदार प्रचार किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया की 23 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगाकर संरक्षण दे दिया. साल 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अमृतसर (पूर्व) सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. सिद्धू यहां से दो बार और उनकी पत्नी नवजोत कौर एक बार चुनाव जीत चुकी हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया (Photo Credits: Facebook)

अमृतसर: पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) में अमृतसर (पूर्व) सीट (Amritsar East seat) पर राजनीतिक लड़ाई से कहीं बढ़कर अस्तित्व के लिए घोर जुबानी जंग छिड़ी देखी जा रही है. कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पर ड्रग्स से जुड़े मामलों में झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए उनके कभी दोस्त रहे और अब कट्टर दुश्मन शिरोमणि अकाली दल (SAD) के दिग्गज पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) ने अपना गृहक्षेत्र मजीठा छोड़कर उनके गढ़ में चुनौती दी है. मजीठा से उनकी पत्नी गनीव ग्रेवाल चुनाव मैदान में हैं. Punjab Elections 2022: कांग्रेस ने पंजाब में महिलाओं को 1,100 रुपये प्रति माह, आठ एलपीजी सिलेंडर देने का किया वादा

पंजाब में रविवार को मतदान होना है और 10 मार्च को नतीजे आने हैं. जब सिद्धू (58) ने मजीठिया (46) को अमृतसर (पूर्वी) से चुनाव लड़ने की चुनौती दी, तो शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने सिद्धू का 'अहंकार खत्म करने' के लिए यहां से मजीठिया को मैदान में उतारने की घोषणा की.

सिद्धू ने पिछले साल दिसंबर में ड्रग्स मामले में मजीठिया पर मामला दर्ज होने का जोरदार प्रचार किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया की 23 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगाकर संरक्षण दे दिया. साल 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अमृतसर (पूर्व) सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. सिद्धू यहां से दो बार और उनकी पत्नी नवजोत कौर एक बार चुनाव जीत चुकी हैं.

साल 2017 में क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने न केवल भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेश हनी को 42,000 से अधिक मतों के भारी अंतर से हराया था, बल्कि 11 में से 10 सीटें जिताकर पार्टी के लिए गेम-चेंजर की भूमिका भी निभाई थी. अमृतसर जिला हालांकि कभी शिअद-भाजपा गठबंधन का गढ़ हुआ करता था.

सुखबीर बादल के बहनोई मजीठिया ने तीन बार 2007, 2012 और 2017 में मजीठा सीट जीती है, जबकि सिद्धू अमृतसर (पूर्व) के मौजूदा विधायक हैं. यह मानते हुए कि सिद्धू का राजनीतिक जीवन अंत हो रहा है, बादल ने आईएएनएस से कहा कि सिद्धू के अहंकार का नाश होगा.

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, "हम सिद्धू का अहंकार तोड़ने और उन्हें अपने घटकों से प्यार और सम्मान करना सिखाने के लिए दृढ़ हैं. हमारा मानना है कि अमृतसर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए एक विकल्प देना हमारा कर्तव्य था. सिद्धू दंपति ने पिछले 18 वर्षो से इस क्षेत्र की उपेक्षा की है. यह राज्य के सबसे अविकसित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है."

फिरोजपुर से लोकसभा सदस्य ने कहा, "अब लोगों को अपने निर्वाचन क्षेत्र की बेहतरी के लिए वोट देने का मौका दिया गया है. आप पहले ही देख चुके हैं कि बिक्रम मजीठिया को निर्वाचन क्षेत्र में कितना प्यार और स्नेह मिल रहा है. यह अपने आप में एक संकेत है कि हवा किस ओर बह रही है."

राज्य पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ रैकेट में उनकी कथित संलिप्तता के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

सिद्धू को राज्य के पार्टी प्रमुख होने के नाते राज्यभर में यात्रा करना था, लेकिन वह अब हाई-प्रोफाइल लड़ाई के कारण अपने गढ़ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. सीट बरकरार रखने के लिए वह अपने स्वयं के विकसित 'पंजाब मॉडल' पर भरोसा कर रहे हैं. दूसरी तरफ मजीठिया अपने घरेलू मैदान मजीठा की अपनी उपलब्धियों का हवाला देकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, सिद्धू दंपति ड्रग्स और ड्रग कार्टेल का समर्थन करने का आरोप लगाकर मजीठिया का पीछा कर रहे हैं. सिद्धू का 'पंजाब मॉडल' सरकार द्वारा नियंत्रित शराब के उत्पादन, बिक्री और रेत के खनन पर आधारित है, जो खाली खजाने को भरने और रोजगार पैदा करने में मदद करेगा.

मजीठिया ने कहा, "सिद्धू अपने पंजाब मॉडल के बारे में बात कर रहे हैं. आप उनके निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करें और फिर मेरे मजीठा क्षेत्र का दौरा करें. आप निश्चित रूप से दोनों सीटों पर जमीनी हकीकत को महसूस करेंगे."

उन्होंने शुक्रवार को एक अपील में कहा था, "अमृतसर (पूर्व) के लिए लड़ाई इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के सम्मान की लड़ाई है. यह इस निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए भी लड़ाई है. आइए, हम जाति और सांप्रदायिक रेखाओं से ऊपर उठकर इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और समर्थन करें, शिअद इस निर्वाचन क्षेत्र की किस्मत बदल देगा."

मजीठिया ने अमृतसर (पूर्व) को राज्य के सबसे उपेक्षित और पिछड़े निर्वाचन क्षेत्रों में से एक बताते हुए कहा कि निर्वाचन क्षेत्र की सभी सड़कों की मरम्मत की जाएगी और उन्हें फिर से बनाया जाएगा और फुटपाथ का निर्माण किया जाएगा.

दो दिग्गजों के बीच फंसीं आम आदमी पार्टी (आप) की जीवन ज्योत कौर और भाजपा के जगमोहन सिंह राजू, जो तमिलनाडु कैडर के पूर्व नौकरशाह हैं, युद्ध के मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कह रहे हैं कि पारंपरिक पार्टियों ने लोगों को बार-बार निराश किया है, इसलिए एक बार उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए.

साल 2013 में पंजाब पुलिस द्वारा पदार्फाश किए गए 6,000 करोड़ रुपये के अंतर्राष्ट्रीय सिंथेटिक ड्रग्स रैकेट में मनी लॉन्ड्रिंग लिंक की जांच के लिए 2014 में जब मजीठिया को प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया था, तब सियासी तूफान नजर आया था. मजीठिया कुछ अनिवासी भारतीयों के साथ संबंध होने के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिन पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स रैकेट से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.

मजीठिया हिमाचल प्रदेश के सनावर स्थित लॉरेंस स्कूल में शिक्षित हैं. उन्होंने 2017 में मजीठिया सीट 22,884 वोटों के अंतर से बरकरार रखी. हालांकि 2012 का चुनाव वह 47,581 वोटों के अंतर से जीते थे. सिद्धू इससे पहले अमृतसर से सांसद रह चुके हैं, जब वह भाजपा में थे। वह 2004, 2007 (उपचुनाव) और 2009 में सांसद चुने गए.

उन्हें अप्रैल 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था. वह फरवरी 2017 में विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 77 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल से सत्ता पर काबिज शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया था.

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