DSP Dies of Heart Attack: जिम में डीएसपी को आया हार्ट अटैक, हुई मौत, किसान आंदोलन में कर रहे थे नाइट ड्यूटी
पंजाब पुलिस के डीएसपी दिलप्रीत सिंह की जिम में हार्ट अटैक से मौत हो गई. वह मलेरकोटला में डीएसपी के पद पर तैनात थे. पुलिस के मुताबिक लुधियाना की एक जिम में एक्सरसाइज करते समय चेस्ट पेन होने के बाद उनकी मौत हो गई.
पंजाब पुलिस के डीएसपी दिलप्रीत सिंह (DSP Dilpreet Singh) की जिम में हार्ट अटैक से मौत हो गई. वह मलेरकोटला में डीएसपी के पद पर तैनात थे. पुलिस के मुताबिक लुधियाना की एक जिम में एक्सरसाइज करते समय चेस्ट पेन होने के बाद उनकी मौत हो गई. वह नेशनल लेवल के स्विमर थे. किसान आंदोलन के दौरान उनकी खनौरी बॉर्डर पर नाइट ड्यूटी चल रही थी. मलेरकोटला में प्रतिनियुक्त पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) दिलप्रीत सिंह की गुरुवार को लुधियाना-फिरोजपुर रोड पर भाई बाला चौक के पास एक लक्जरी होटल में जिम में कसरत के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. वह 50 वर्ष के थे. Farmers Protest: शुभकरण सिंह के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा देगी पंजाब सरकार, बहन को नौकरी देने का भी ऐलान.
पंजाब पुलिस ने अपने एक पोस्ट में कहा, "कल, हमने अपने बहादुर डीएसपी दिलप्रीत सिंह को खो दिया, जो संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे थे. दिलप्रीत ने 31 वर्षों से अधिक समय तक पंजाब पुलिस और पंजाब के लोगों की सेवा की. दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं और उनका समर्थन करने के लिए सब कुछ करेंगे. हमारी प्राथनाएं उनके परिवार और करीबी लोगों के साथ हैं."
पंजाब पुलिस के डीएसपी दिलप्रीत सिंह (DSP Dilpreet Singh) की जिम में हार्ट अटैक से मौत हो गई. वह मलेरकोटला में डीएसपी के पद पर तैनात थे. पुलिस के मुताबिक लुधियाना की एक जिम में एक्सरसाइज करते समय चेस्ट पेन होने के बाद उनकी मौत हो गई. वह नेशनल लेवल के स्विमर थे. किसान आंदोलन के दौरान उनकी खनौरी बॉर्डर पर नाइट ड्यूटी चल रही थी. मलेरकोटला में प्रतिनियुक्त पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) दिलप्रीत सिंह की गुरुवार को लुधियाना-फिरोजपुर रोड पर भाई बाला चौक के पास एक लक्जरी होटल में जिम में कसरत के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. वह 50 वर्ष के थे. Farmers Protest: शुभकरण सिंह के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा देगी पंजाब सरकार, बहन को नौकरी देने का भी ऐलान.
पंजाब पुलिस ने अपने एक पोस्ट में कहा, "कल, हमने अपने बहादुर डीएसपी दिलप्रीत सिंह को खो दिया, जो संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे थे. दिलप्रीत ने 31 वर्षों से अधिक समय तक पंजाब पुलिस और पंजाब के लोगों की सेवा की. दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं और उनका समर्थन करने के लिए सब कुछ करेंगे. हमारी प्राथनाएं उनके परिवार और करीबी लोगों के साथ हैं."
Yesterday, we lost our braveheart DSP Dilpreet Singh who was performing duty at Khanori Border, Sangrur
Dilpreet served Punjab Police and the people of Punjab for over 31 years
We stand by his family in their hour of grief and will do everything to support them.
दिलप्रीत सिंह एक नेशनल लेवल के स्विमर थे, उन्हें बॉक्सिंग का भी था, 22 फरवरी के दिन गुरुवार को वह अपनी रात की ड्यूटी खत्म कर सुबह घर आए और उसके बाद शाम के तकरीबन 4 बजे वह लुधियाना में ही जिम गए. यहां उनके सीने में दर्द उठा, जिसके बाद उनके गनमैन और दूसरे साथियों ने उनको वहां से उठाया. इसके तरंत बाद उन्हें लुधियाना के डीएमसी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. जिम करने के बाद उन्हें शाम को फिर ड्यूटी पर खनौरी बॉर्डर पर जाना था.
मलेरकोटला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह ने बताया कि 15 दिन पहले ही जब पंजाब के पुलिस विभाग में तबादले हुए तो दिलप्रीत सिंह को डीएसपी के तौर पर मलेरकोटला में तैनात किया गया था. पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के दौरान उनकी संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर नाइट ड्यूटी लगी हुई थी. वह रात के 8 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक ड्यूटी पर रहते थे और उसके बाद वह लुधियाना अपने घर चले जाते थे.
दिलप्रीत सिंह एक नेशनल लेवल के स्विमर थे, उन्हें बॉक्सिंग का भी था, 22 फरवरी के दिन गुरुवार को वह अपनी रात की ड्यूटी खत्म कर सुबह घर आए और उसके बाद शाम के तकरीबन 4 बजे वह लुधियाना में ही जिम गए. यहां उनके सीने में दर्द उठा, जिसके बाद उनके गनमैन और दूसरे साथियों ने उनको वहां से उठाया. इसके तरंत बाद उन्हें लुधियाना के डीएमसी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. जिम करने के बाद उन्हें शाम को फिर ड्यूटी पर खनौरी बॉर्डर पर जाना था.
मलेरकोटला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह ने बताया कि 15 दिन पहले ही जब पंजाब के पुलिस विभाग में तबादले हुए तो दिलप्रीत सिंह को डीएसपी के तौर पर मलेरकोटला में तैनात किया गया था. पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के दौरान उनकी संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर नाइट ड्यूटी लगी हुई थी. वह रात के 8 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक ड्यूटी पर रहते थे और उसके बाद वह लुधियाना अपने घर चले जाते थे.