Punjab Assembly Election 2022: अकाली दल और बसपा के बीच गठबंधन, मिलकर लड़ेंगे 2022 का चुनाव
बता दें अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ओर बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा की उपस्थिति में शनिवार को गठबंधन को घोषणा हुई. दोनों पार्टियों के कई बड़े नेता और काफी संख्या में कार्यकर्ता भी इस मौके पर मौजूद रहे. सुखबीर बादल ने बसपा सुप्रीमो मायावती को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की सोच सामान है.
अमृतसर: अगले साल पंजाब (Punjab) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के मद्देनजर एक नया सियासी समीकरण सामने आया है. 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) की शिरोमणी अकाली दल (SAD) और मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने गठबंधन कर लिया है. दोनों दलों के बीच हुई डील के तहत बीएसपी राज्य की 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पिछले चुनाव में अकाली दल और बीजेपी (BJP) के बीच गठबंधन था. Punjab: कैप्टन अमरिंदर की सरकार पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का आरोप, BJP ने कहा कांग्रेस कर रही बड़ा पाप
बता दें अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ओर बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा की उपस्थिति में शनिवार को गठबंधन को घोषणा हुई. दोनों पार्टियों के कई बड़े नेता और काफी संख्या में कार्यकर्ता भी इस मौके पर मौजूद रहे. सुखबीर बादल ने बसपा सुप्रीमो मायावती को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की सोच सामान है. दोनों पार्टियां गरीब किसान मजदूर के हक के लिए लड़ती हैं.' सुखबीर बादल ने इसके साथ ही कहा, 'आज का दिन पंजाब की सियासत में नया दिन है.
सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल और बसपा ने गठबंधन किया है और 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि 117 सीटों में से बसपा 20 सीटों पर और शिरोमणि अकाली दल शेष 97 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इन दिनों पंजाब की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त हलचल मची है.
अप्रैल में सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में जीतकर सरकार बनाती है तो उपमुख्यमंत्री दलित समुदाय से होगा. इसी दौरान उन्होंने दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावनाओं के भी संकेत दिए थे और कहा था कि उनके संपर्क में कई पार्टियां हैं. किसान आंदोलन के चलते अकाली दल ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया हैं.
बता दें कि 27 साल बाद पंजाब में अकाली दल और बसपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले दोनों दल 1996 में लोकसभा चुनाव एक साथ चुनाव लड़े थे. उस समय बसपा ने सभी तीन सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि अकाली दल ने 10 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी.