जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरा देश गुस्से में है. देशवासी पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर दबाव बना रहे है. इस बीच मोदी सरकार की तरफ से जो एक बड़ी खबर है वह यह है कि केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाते हुए कश्मीरी अलगाववादियों को मिली सुरक्षा छीन लेने का फैसला किया है. इन अलगाववादी नेताओं में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज़ उमर फारूक, अब्दुल ग़नी बट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, शब्बीर शाह शामिल हैं.
इन नेताओं के सुरक्षा छीने जाने को लेकर सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, इन अलगाववादियों को मुहैया कराई गई सुरक्षा और वापस ले लिए जाएंगे. सरकार ने इन अलगाववादी नेताओं के बारे में कहा है कि किसी भी अलगाववादी को सुरक्षाबल अब किसी सूरत में सुरक्षा मुहैया नहीं कराएंगे. अगर उन्हें सरकार की तरफ से कोई अन्य सुविधा दी गई है, तो वह भी तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जाएगी. सरकार के इस आदेश के बाद अब पुलिस मुख्यालय किसी अन्य अलगाववादियों को मिली सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करेगा और उसे भी तत्काल वापस ले लिया जाएगा. यह भी पढ़े: पुलवामा आतंकी हमला: देहरादून हॉस्टल में भीड़ के घेराव की वजह से कश्मीरी लड़कियों ने खुद को किया कमरे में लॉक, CRPF ने शेयर किया हेल्पलाइन नंबर
आतंकी हमले में 40 जवान हुए थे शहीद
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ (CRPF) की टुकड़ी पर किए गए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले को लेकर देश भर में गम और गुस्से का माहौल है. हर तरफ यही मांग है कि जवानों की शहादत का बदला लिया जाए. मोदी सरकार इसके लिए एक्शन में भी नज़र आ रही है. इस संबंध में शनिवार को सर्वदलीय बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर एक अहम मीटिंग हुई.