कोरोना संकट के बावजूद देशभर में दलहन, तिलहन और गेहूं की हुई बंपर खरीद, 3.25 लाख किसानों के चेहरे खिले
किसान (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस महामारी के बावजूद रबी सीजन में केंद्र सरकार ने दलहन, तिलहन और गेहूं की बंपर खरीद की. कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय ने बताया कि रबी सीजन 2020-21 के दौरान 2,682 करोड़ रुपये मूल्‍य की दलहन और तिलहन की खरीद की गई है. जिससे 3.25 लाख से अधिक किसान को फायदा पहुंचा है.

अधिकारिय बयान में कहा गया है कि रबी सीजन के दौरान 2,682 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर 2,61,565 मीट्रिक टन दलहन और 3,17,473 मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की गई है. जिससे 2 मई तक 3 लाख 25 हजार 565 किसान लाभान्वित हुए हैं. इनमें से 14,859 मीट्रिक टन दलहन और 6706 मीट्रिक टन तिलहन की खरीद 1 और 2 मई को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे छह राज्यों में की गई. इसके अलावा, रबी विपणन सीजन 2020-21 में एफसीआई में कुल 1,87,97,767 मीट्रिक टन गेहूं प्राप्त हुआ है, जिसमें से 1,81,36,180 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. सीसीआई एमएसपी पर कपास की खरीद करेगी, केन्द्र ने महाराष्ट्र के किसानो को आश्वस्त किया

इस बीच, ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई इस प्रकार है:

चावल: पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 25.26 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार ग्रीष्मकालीन चावल के अंतर्गत लगभग 34.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया.

दलहन: पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 5.44 लाख हेक्टेयर की तुलना में दलहन के अंतर्गत इस बार लगभग 8.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया.

मोटा अनाज: पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 5.49 लाख हेक्टेयर की तुलना में मोटे अनाज के अंतर्गत इस बार लगभग 9.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया.

तिलहन: पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 7.00 लाख हेक्टेयर की तुलना में तिलहन के अंतर्गत इस बार लगभग 8.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया.

उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार ने पहले ही कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन से किसानों को छूट दी थी. साथ ही अलग-अलग विभाग लॉकडाउन अवधि के दौरान जमीनी स्तर पर किसानों और कृषि गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए हर उपाय कर रहे थे.

साथ ही किसानों की आर्थिक मदद के लिए 24 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत 18 हजार 134 करोड़ रुपये जारी किए गए. जबकि सरकारी योजनाओ से लगभग 9.06 करोड़ किसान परिवारों को फायदा दिया गया.